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वो अलफ़ाज़ जिन्हें पढ़कर इश्क़ को भी इश्क़ हो जाये

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देखना जज़्बे मोहब्बत का असर आज की रात

मेरे शाने पे है उस शोख़ का सर आज की रात

और क्या चाहिय अब ये दिले मजरूह तुझे

उसने देखा तो बन्दाज़े दीगर आज की रात

-मज़ाज़ लखनवी

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प्रेम