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मुंबई में एक बैचलर की कहानी! ऐसी होती है ज़िन्दगी!

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4) अगर घर कुछ दोस्तों के साथ लिया है या किसी के फ़्लैट में शिफ़्ट हुए हैं तो झेलना पड़ेगा गंदे घर का नज़ारा, गंदे टॉयलेट्स और कपड़ों की चोरी का ज़ुल्म! अब हर कोई तो आपकी तरह साफ़-सुथरा रहेगा नहीं! और सब आपको दोस्त समझ के बिंदास आपके कपड़े भी इस्तेमाल करेंगे और कहा सिर्फ़ ये जाएगा कि यार दोस्त किसलिए होते हैं?

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