९ – गैंग्स ऑफ़ वासीपुर – देश का शायद ही कोई ऐसा कॉलेज हॉस्टल होगा या शायद ही ऐसा स्टूडेंट हो जो ये फिल्म हफ्ते में एक बार नहीं नहीं देखता होगा . अनुराग कश्यप की इस क्राइम ड्रामा के फेन कोने कोने में है और हॉस्टल तो होते भी क्या वास्सिपुर से कम होते है क्या.
हर एक संवाद कोई न कोई किसी को बोलता दिख जायेगा .
चाहे एग्जाम में के टी लगी हो या इयर बैक या फिर प्यार में रिजेक्शन दोस्त कहने में देर नहीं लगाते की ‘बेटा तुमसे ना हो पायेगा ’ और अगर कहीं झगडा हो जाये तो “ मारेंगे नहीं उसकी कह के लेंगे ”
और एग्जाम से पहले गैंग्स ऑफ़ वासेयपुर देखकर प्रेरणा ली जाती है की
फर्स्ट सेम सेकंड सेम प्रैक्टिकल , अटेंडेंस सबका बदला लेगा तेरा ये फैज़ल .