७- घातक-
सनी पाजी की ये फिल्म तकरीबन हर हॉस्टल की फेवरेट होती है . बस एक बार ये फिल्म स्पीकर ऑन करके लगा दो और फिर देखो यार दोस्त ही क्या ऊपर नीचे के फ्लोर से भी लोग आ जायेंगे सनी देओल के गरजते संवाद सुनने के लिए. घातक ही नहीं सनी पाजी की ग़दर दामिनी और बोर्डेर भी उन फिल्मों में से है जो हॉस्टल में मौके बे मौके देखी जाती है.
ढाई किलो का हाथ हो या चड्ढा के साथ जिरह या तारीख पर तारीख या फिर कातिया को चुनौती देता अकेला काशी . सनी देओल के हर संवाद पर हॉस्टल में सीटी और तालियाँ आज भी बजती है .