4) परिवार तो ज़रूरी है
टीनएज के दिनों में घरवाले जान पर आते थे! पापा के साथ घूमने जाने में शर्म के मारे आँखें ऊपर नहीं उठती थीं और मम्मी का प्यार तो ऐसा लगता था कि किसी सीरियल का मेलोड्रामाटिक सीन चल रहा हो! और 25 के होते ही लगने लगता है कि परिवार से बढ़कर खुशियाँ और कहाँ मिलेंगी?