सीनियर खिलाडि़यों को बाहर करना
महेंद्र सिंह धोनी ने जब टीम की कमान संभाली तो स्पष्ट कर दिया कि उन्हें टीम में फुर्तीले खिलाडि़यों की जरूरत है। धोनी के मुताबिक सीनियर खिलाड़ी फील्डिंग में उतनी चुस्ती नहीं दिखा पाते जितना युवा खिलाड़ी दिखाता है। धोनी के कप्तान बनते ही टीम इंडिया के सीनियर खिलाडि़यों के टीम से बाहर होने का दौर शुरू हो गया। चूंकि भारतीय टीम के सीनियर खिलाड़ी क्रिकेट जगत की मशहूर हस्तियां थी, इसलिए उनका बाहर होना देश के क्रिकेट प्रेमियों को सहन नहीं हुआ। धोनी की खूब आलोचनाएं हुई। इसके बाद धोनी की युवा ब्रिगेड ने 2007 में आईसीसी वर्ल्ड टी-20 खिताब जीता। मगर धोनी की इस उपलब्धि के बावजूद देशवासी उनसे जुड़ नहीं सके और आलोचना करते रहे। उन पर आज भी दिग्गज खिलाडि़यों को टीम से बाहर करने का आरोप लगता रहता है।