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यूरिन इन्फ़ेक्शन की दिक़्क़त होती है तो आज ही इन चीज़ों को खाना छोड़ दे !

यूरिन इन्फ़ेक्शन

यूरिनरी ट्रेक्ट इन्फेक्शन यनि की यूरिन इन्फ़ेक्शन, आजकल आम बात है, कामकाजी जीवन में ऐसा बहुत से लोगों को होता है ।

इसके कारण पेशाब में जलन और पीड़ा होती है । यूरिन इन्फ़ेक्शन महिलाओं और पुरुषों दोनों में ही होता है । 100 % लोगों में से 80 % लोगों को ये समस्यां कभी ना कभी होती ही है ।

यूरिन इन्फ़ेक्शन के कारण :

यूरिन इन्फ़ेक्शन होने का मुख्य कारण है सूजन, मूत्राशय में जलन, पेशाब नली में यूरेथ्रा की सूजन, जरायु की विकृति, मधुमेह, मूत्राशय में पतरी, मूत्राशय में क्षय रोग के कारण गांठे बनना, गर्मी के मौसम में पानी ना पीना जैसे कई करण है जो यूरिन इन्फ़ेक्शन को जन्म देते है और समस्यां बढ़ाते है ।

यूरिनरी ट्रेक्ट इन्फेक्शन के लक्षण :

रुक-रुककर पेशाब आना, बार बार यूरिन आना,पीला पेशाब आना,पेशाब करते समय मूवेंद्रिय में जलन होना आदि लक्षण महसूस होते हैं ।

यूरिन इन्फ़ेक्शन

यूरिनरी ट्रेक्ट इन्फेक्शन में ये चीजें ना खाएं:

ऐसे प्रदार्थ जो शक्कर डाल के बनते हैं,उन्हें यूरिन इन्फ़ेक्शन के दौरान नहीं खाना चाहिए । मीठे से बने प्रदार्थ मूत्र के रास्ते में बैक्टीरिया को ब्रीडिंग करने की सहूलियत देते है । इसलिए यूरिन इन्फेक्शन के दौरान केक,कुकीज,कार्बोनेटेड ड्रिंक और मीठाईं से परहेज करना चाहिए ।चीनी से बने पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके बजाय पानी, फल और अनाज पर ज्यादा निर्भर  रहना चाहिए। यूरिन इन्फेक्शन में कॉफी से भी तौबा कर लेना चाहिए ।कॉफी से यूरिन इन्फेक्शन कम होने के बजाय फैलेगा । कॉफी की जगह आप हर्बल टी का उपयोग कर सकते है । इन सभी के साथ-साथ शराब से भी दूरी बना लें और मिर्च-मासाले,गुड़,खटाई और तेल से बनी चीजों की तरफ देखें भी नहीं । जितना सादा भोजन करेंगे उतना अच्छा है ।

मिर्च -मसाले वाला भोजन यूरिन इन्फ़ेक्शन की स्थिति को और गंभीर बना देता है। यह ज्यादा जलन और दर्द पैदा करता है। इसलिए समस्या के दौरान जितना हो सके सादा भोजन ही ग्रहण करें।

यूरिन इन्फ़ेक्शन के मरीज इन बातों का भी ख्याल रखें:

पेट के नीचे मूत्राशय वाले भाग पर गर्म पानी की थैली से सिकाई करें । रात को टाइम पर सोए,भरपूर नींद लें । धूम्रपान से दूर रहें ,गर्मी में बाहर ना निकले और गर्मी से भी बचें ।

यूरिन इन्फ़ेक्शन

यूरिन इन्फ़ेक्शन के घरेलु उपाय:

हल्दी (100 ग्राम), काला तिल (250 ग्राम) और पुराना गुड़ (100 ग्राम) को पिसकर तवे पर सूखा ही भून लें। फिर रोज एक चम्मच चूर्ण को पानी के साथ पीएं। यूरिनरी ट्रेक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) यानी पेशाब के रास्ते में होने वाले इन्फेक्शन को दूर करने के लिए सबसे पहले ज्यादा-से-ज्यादा पानी पिना चाहिए । करौंदा यानी लाल रंग की खट्टी बैरी (क्रेन बेरी) में हिप्यूरिक एसिड पाया जाता है,जो यूरिथ्रा में बैक्टीरिया को जाने और बढ़ने से रोकता है ।इन्फेक्शन की समस्या में करौंदा या इसके जूस का नियमित सेवन करना चाहिए। दही का रोजाना सेवन करें। लहसुन और प्याज, दोनों में बैक्टीरिया के खिलाफ काम करने की प्रवृत्ति होती है। ये दोनों शरीर में कहीं भी पैदा होने वाले नुकसानदायक बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्म कीटाणुओं को मारने का काम करते हैं। इसलिए यूरिन इन्फेक्शन की स्थिति में इन दोनों का ज्यादा-से-ज्यादा सेवन करना चाहिए। लहसुन गजब का एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी बायोटिक पदार्थ है। लहसुन के एंटी ऑक्सीडेंट रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ातें हैं

यूरिन इन्फ़ेक्शन

यूरिन इन्फ़ेक्शन से जुड़ी ये सभी बातें बहुत ही महत्वपूर्ण है इसे जरुर अपनाएं और याद रखें । घरेलु उपचार में जो भरोसा नहीं करता वो डॉक्टर की भी सलाह ले सकता है लेकिन खाने में परहेज तो जरुर करना पड़ेगा ।