स्थापना के बाद से ही नेशनल हेराल्ड मुश्किलों में रहा है.
जवाहर लाल नेहरु ने कई बार इस अखबार के लिए बेनामी सम्पादकीय लिखे.
अमेरिका ने जब परमाणु परिक्षण किया था तो उसकी प्रतिक्रिया भी नेहरु ने इसी अखबार में दी थी.
ये आज की बात नहीं है इस अखबार पर कांग्रेस के गैरकानूनी ढंग से कमाये धन को कानूनी रूप देने के आरोप बहुत पहले से लगाये जाते रहे है.

