नेशनल हेराल्ड की स्थापना जवाहर लाल नेहरु ने 1938 में की थी.
उस समय से ही ये अखबार तरह तरह की समस्याओं से जूझता रहा है.
कहने को तो ये कांग्रेस का मुखपत्र जैसा था लेकिन अलग अलग लोगों के निवेश और कार्य करने की कोई सटीक और निश्चित प्रणाली ना होने के कारण ये एक हाथी पालने जैसा हो गया था.
आज इसके हालत ऐसे है कि आम लोग क्या कांग्रेस के लोग भी इस अख़बार को गंभीरता से नहीं लेते.