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बाली उमर में होने वाले ये अहसास फिर कभी नहीं देते दस्तक

बाली उमर – उम्र बिल्कुल समय की तरह होती है जो एक बार बीत जाए तो दुबारा कभी नहीं आता.

ठीक इसी तरह जैसे बीते हुए समय के वो हसीन पल हमें जिंदगी में दुबारा जीने को नहीं मिल पाते वैसे ही बाली उम्र में दस्तक देने वाले कुछ अहसास फिर कभी लौट कर नहीं आते.

आज हम आपको बाली उमर के कुछ ऐसे अहसास के बारे में बताएंगे जो हर किसी कि जिंदगी में आते तो हैं लेकिन सिर्फ एक दफा.

बाली उमर के एहसास –

१ – पहला प्यार

ज्यादातर लोग 14 से 19 साल की उम्र तक पहले प्यार का शिकार हो ही जाते हैं. एक सर्वे की माने तो तकरीबन 80 से 95 प्रतिशत लोग 16 कि उमर तक आते-आते अपने पहले प्यार का अहसास महसूस कर लेते हैं. इस पहले प्यारा का अहसास इतना खास होता है कि सब आपको बेहद अच्छा और परफेक्ट लगने लगता है यहाँ तक की आप अपने पार्टनर के अंदर वो सभी खूबियाँ ढूँढ लेते हैं जिन्हें आप केवल फिल्मो और कहानीयो में देखा करते थे. लेकिन ये अनोखा अहसास हर एक की जिंदगी में केवल पहली बार ही आता है इसके बाद आप चाहे किसी व्यक्ति से शादी भी क्यों ना कर ले बाली उम्र वाला वो अहसास फिर कभी लौट कर नहीं आता.

२ – वर्जनिटी

शोधकर्ताओं कि माने तो आज के समय में 22 वर्ष की उम्र तक लगभग 88 प्रतिशत लोग अपनी वर्जनिटी खो देते हैं. वर्जनिटी खोना एक बेहद खास अहसास होता है जो की हर किसी कि जिंदगी में केवल एक ही बार आता है. उस पहली बार का अहसास कुछ अलग ही होता है जिसे कोई भी इंसान अपनी जिंदगी में दोबारा नही जी पाता, बता दे कि ऐसा जरूरी नहीं है की पहली बार किया गया सेक्स ही बेस्ट हो या आपका पहला पार्टनर आगे चल के हर इंसान अलग-अलग तजुरबे महसूस करता है और फिर कही जाके अपना परफेक्ट मैच पाता है.

 

३ – स्कूल की मस्ती

ज्यादातर लोग भले ही बचपन में जितना मर्जी बड़ा होना चाहते हो लेकिन एक बार बडे होने पर हर कोई पछताते ही हैं. हम सभी में से कोई भी उन अहसासों को फिर दोबारा नहीं जी सकता बस केवल उन्हें अपने दोस्तों के साथ याद कर सकता है. स्कूल की कैंटीन की लडाइयाँ, पहला-पहला प्यार, दोस्त के क्रश को भाभी कह कर चिढ़ाना, लन्चब्रेक होने से पहले टीफिन खाली कर देना और सभी दोस्तों के साथ स्कूल बंक पर जाना कुछ ऐसे अहसास हैं जिन्हें हम बड़े होने के बाद याद करके मुसकुराते हुए कहते हैं “यार वो भी क्या दिन थे” लेकिन अफसोस वो दिन और वो अहसास अब फिर कभी लौट कर नहीं आ सकते.

ये है बाली उमर के एहसास – दोस्तों हम सभी जिंदगी में कितने ही बड़े क्यों ना बन जाए लेकिन हमें हमेशा अपना बचपन जरूर याद रहता है और हर वो पहला अहसास जिसे हम भुलाये नहीं भूल सकते. अगर आप में से कोई स्कूल स्टूडेंट या 18 से कम उम्र का है तो हमारी आप से केवल ही दरखास्त होगी की अपनी जिंदगी के इस पहलू को खूब मजे से जीए क्योंकि आने वाला कल ना जाने कैसा हो.

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