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नैतिकता के हवलदारों के मुहं पर करारा तमाचा, सुप्रीम कोर्ट ने कहा पोर्न देखना गुनाह नहीं

watching porn is not a crime

इसी प्रकार सोशल मीडिया साइट्स पर भी आपत्तिजनक सामग्री पर रोक लगाने के मामले में कोर्ट ने कहा कि गूगल, फेसबुक, और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स के सर्वर विदेशों में है जो वहां के कानून के अंतर्गत आते है इसलिए उनका डाटा स्कैन नहीं किया जा सकता और ना ही रोक लगायी जा सकती है.

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इसके उपाय के लिए इन कंपनियों को अपने सर्वर भारत में भी रखने को कहा जाएगा जिससे हर आपतिजनक सामग्री पर नज़र रखी जा सके.

पोर्न पर बैन ना लगने की खबर से संस्कृति के ठेकेदारों को जहाँ बड़ा धक्का पहुंचा है वहीँ युवाओं में ख़ुशी की लहर है. ये फैसला अब हम आप पर छोड़ते है कि कोर्ट ने पोर्न साइट्स पर बैन नहीं लगाने की बात सही की है या गलत .

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