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नैतिकता के हवलदारों के मुहं पर करारा तमाचा, सुप्रीम कोर्ट ने कहा पोर्न देखना गुनाह नहीं

watching porn is not a crime

कोई व्यक्ति अपने घर के भीतर क्या देखता है इस पर रोक लगाना न सिर्फ अतार्किक है बल्कि कानूनन भी गलत है .

जज ने अपने फैसले में कहा कि बैन लगाने के बाद कोई व्यक्ति आकर सवाल करे कि चारदीवारी के भीतर मैं क्या देखता हूँ क्या नहीं इस पर कोई रोक कैसे लगा सकता है, और अगर कोई रोक लगता है तो वो सही कैसे है.

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