इंसानी दिमाग को इंसानी शरीर की सबसे बेहतरीन कृति कहा जाता हैं.
एक छोटा सा दिमाग इतनी सारी चीज़े कैसे एक साथ एक ही वक़्त में संभाल पाता हैं, यह हमेशा कौतुहल का विषय रहा हैं क्योकि मष्तिस्क ही सोचने-समझने के साथ शरीर के संचालन का भी कार्य करता हैं वो भी बिना किसी अतिरिक्त प्रयास और बिना किसी त्रुटी के.
ऐसे तथ्यों के अनुसार यह कहा जा सकता हैं कि दिमाग के बिना हमारा शरीर एक ढांचा मात्र हैं.
लेकिन इन सब बातों के अलावा दिमाग से जुड़ी ऐसी कई बातें हैं जो बहुत रोचक हैं जिन्हें हम सब शायद ही जानते हैं. आज हम दिमाग से सम्बंधित ऐसी कई आश्चर्यजनक बातें आप को बतायेंगे जिसे सुन कर आप सुचमुच सोच में पड़ जायेंगे कि क्या हमारा दिमाग इतना कुछ कर सकता हैं?
1) आप यह बात जान कर हैरान रह जायेंगे कि हमारे दिमाग में एक दिन में तकरीबन 60,000 से 70,000 विचार आते हैं. यह पढ़ कर अब आप यह मत सोचने लगे कि क्या हम इंसान सच मुच इतना सोचते है? तो यह बात सच हैं हर इंसान इतना ही सोचता हैं. इन विचारों में कई विचार एक से ज्यादा बार भी आते हैं.
2) जब भी हमें चोट लगती हैं तब दर्द का एहसास होता हैं लेकिन यह एहसास दिमाग को बिलकुल नहीं होता हैं बल्कि शरीर के उस हिस्से में होता हैं जहाँ चोट लगी होती हैं.
3) हमारा दिमाग दिखने में कितना छोटा होता हैं ना लेकिन दिमाग में पाई जाने वाली नसों से जुड़ी यह जानकारी आप को चौका देगी. हमारे दिमाग में पाई जाने वाली नसों की लम्बाई लगभग 1लाख मील तक होती हैं. इस बात को जानने के बाद अब आप 1 लाख मील कितना होता हैं यह मत सोचने लग जाईयें.
4) आज की ज़िन्दगी इतनी दौड़भाग वाली हो चुकी हैं कि हर तीसरा इंसान तनाव की बीमारी से जूझ रहा होता हैं. लेकिन यही तनाव हमारे दिमाग में पाई जाने वाली आवश्यक कोशिकाओं को नष्ट कर देता हैं. इसलिए कोशिश करें कि आप किसी भी तरह के तनाव में न पड़े.
5) हमारी ज़िन्दगी में कई तरह के रिश्तें होते हैं, कुछ सतही और कुछ बहुत गहरे होते हैं. लेकिन इन सब के पीछे हमारा दिमाग ही ज़िम्मेदार होता हैं. दिमाग में निकलने वाला ऑक्सीटोक्सिन नाम का एक रसायन ही सम्बन्धों को प्रगाड़ बनाने में अहम् भूमिका निभाता हैं. जब भी कोई स्त्री माँ बनती हैं तब यही रसायन सबसे आधिक निकालता हैं जिससे माँ और बच्चे का सम्बन्ध मजबूत होता हैं.
6) हमें अपने दिमाग के बारे में यही कहा जाता था कि हम सब अपने दिमाग का मात्र 10% ही उपयोग में लाते हैं. लेकिन यह बात गलत हैं क्योकि दिम्माग का हर हिस्सा अलग-अलग कार्य के लिए बना हैं और जब जिस हिस्से की ज़रूरत होती हैं दिमाग उस हिस्से से कार्य लेता हैं.
7) आप सब ने एक बात नोटिस की होगी कि जब कोई व्यक्ति जमाई लेता हैं तो दुसरे को भी सुस्ती आती हैं. इसकी वजह यह हैं कि हमारे दिमाग में कुछ कोशिशकाएं ऐसे होती हैं जो शीशे की तरह काम करती हैं. इसलिए सामने बैठा व्यक्ति ऐसा कोई कार्य करता हैं तो हमारा दिमाग भी उसके अनुसार कार्य करने लगता हैं. दिमाग की यही कोशिश्काएं ही मेलजोल बढ़ाने में हमारी सहायता करती हैं.
इन जानकारियों के अलावा हमारे दिमाग से जुड़ी ऐसी कई और बातें हैं, जो बहुत रहस्यपूर्ण हैं लेकिन उसके लिए हमें शरीर विज्ञान की ज़रूरत पड़ेगी. आप उसे जब पढ़ना चाहे पढ़ सकते हैं, लेकिन तब तक इसी से काम चलायें.
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