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सबसे पहले खुद को कहिए सुप्रभात

सुप्रभात

हम हर सुबह घर-परिवार के सदस्यों और बाहर दूसरों को सुप्रभात, गुडमोर्निंग या ऐसा ही कुछ बोलते हैं.

हमारा ऐसा कहने के पीछे का संदेश यही होता है कि आज आपकी सुबह या आपका दिन शुभ हो. खुशियों और रौशनी से भरा हो पर क्या हम खुद को भी कभी सुप्रभात की शुभकामनाएं देते हैं?

बात बहुत छोटी है, पर अक्सर जीवन में छोटी-छोटी बातें ही बड़ा असर डालती हैं. हम दूसरों को सुप्रभात कहते हैं, लेकिन कई बार खुद दिन भर परेशान रहते हैं. नकारात्मक भावों में उलझे रहते हैं. ऐसे में दूसरों को सुप्रभात कहने का कोई अर्थ ही नहीं रह जाता. ये तो सामान्य सा नियम है कि दूसरों को आप वही दे सकते हैं जो आपके पास हो. जैसे अगर आपके पास पैसे हैं तो किसी को ज़रूरत पड़ने पर आप उसे पैसे दे सकते हो. पर जो आपके पास है ही नहीं, वो आप भला कैसे देंगे?

सुप्रभात

ज़रा सोच कर देखिए कि जिस वक़्त आप दूसरों को सुप्रभात की शुभकामनाएं दे रहे हैं, क्या आप उस पल खुश हैं? सुप्रभात कहना या शुभकामनाएं देना एक तरह की सकारात्मक ऊर्जा का दूसरे व्यक्ति में संचार करना है. पर अगर आपमें वो सकारात्मक ऊर्जा नहीं है तो फिर उसका संचार भला कहाँ से होगा? दे तो आप उसे वही रहे होंगे जो उस पल आपके पास होगा. शायद यही वजह है कि ऐसी शुभकामनाएं अक्सर रस्म बनकर रह जाती हैं और दूसरे व्यक्ति में किसी तरह की सकारात्मक ऊर्जा का संचार नहीं कर पातीं.

शब्दों में शक्ति सच से आती है. सच से निकले शब्द सजीव हो उठते हैं एवं दूसरों पर अलौकिक प्रभाव डालते हैं. वहीं, झूट से निकले शब्द सिर्फ शब्द बनकर रह जाते हैं और निरर्थक हो जाते हैं. तो क्यों न हम आज से अपने शब्दों में, अपनी शुभकामनाओं में सच का सत्व घोलने का प्रयास करें.

सुप्रभात

ऐसा करने के लिए सबसे पहले सुबह आँख खुलते ही अपने आराध्य के प्रति आभार प्रकट करिए, जिसने हमें सुबह के रूप में एक अलौकिक सकारात्मक ऊर्जा दी है. हर रात के बाद एक सुबह आती है, ये प्रकृति का नियम है. देखा जाए तो सुबह एक सन्देश देती है हमें कि कोई भी रात कभी इतनी भी बड़ी नहीं हो सकती कि वो हमारे जीवन में छा जाए और सुबह कभी इतनी निस्तेज नहीं होती कि घने से घने अंधेरे को मार न भगाए.

इस संदेश को हमें समझने की ज़रूरत है और हर सुबह सबसे पहले खुद को सुप्रभात कहने की आदत डालनी चाहिए. आप चाहें ऐसे वाक्य खुद से बोल सकते हैं जैसे आज मेरा दिन शुभ हो, सकारात्मक ऊर्जा से भरा रहे. धीरे-धीरे आप पाएंगे कि ये आपमें एक अद्भुत ऊर्जा का संचार कर रहा है. हर सुबह अपने आप से शपथ लीजिए कि मैं आज पूरे दिन अपने भीतर सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बनाए रखूंगा. किसी भी कीमत पर. यकीन मानिए, ये छोटी सी बात आपको रौशनी से निहाल कर देगी और तब दूसरों को दी जाने वाली आपकी शुभकामनाएं भी सजीव हो उठेंगी.

जो आपके पास है, वही तो आप दूसरों को दे सकते हैं. जैसे खुशी है तो खुशी और गम हो तो गम. इसीलिए सदा खुश रहने के लिए हर सुबह सबसे पहले खुद को कहिए सुप्रभात.