ENG | HINDI

मेरा शारीरिक शोषण हुआ लेकिन मैं ये किसी से कह पाई क्योकि ऐसा करने वाला मेरा कोई अपना था

शारीरिक शोषण की घटना

शारीरिक शोषण की घटना – अभी कुछ ही वक्त पहले सोशल मीडिया पर #METOO के नाम से एक कैम्पेन शुरू हुआ था जिसमें लड़कियां अपने साथ हुई शारीरिक शोषण की घटनाओं को शेयर कर रही थी।

देखकर और पढ़कर हैरानी हुई कि कितनी लड़कियां शारीरिक शोषण का शिकार बन चुकी हैं।

इसमें सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि एक वक्त पर घर औऱ परिवार को सुरक्षा का दूसरा  नाम समझा जाता है।

अगर आप अपने घर में अपनों के साथ हैं तो मतलब आप महफूज़ हैं लेकिन वक्त ने आज इस बात को भी बेमानी सा कर दिया है। किसी लड़की के साथ हुए शारीरिक शोषण का ज़िम्मेदार जब उसका कोई अपना होता है. तो वो क्या महसूस करती है इस शायद लफ्ज़ों में बयां कर पाना मुमकिन है लेकिन फिर भी एक छोटा सा खत है एक ऐसी लड़की का, जो इसका शिकार हुई, क्या कहना चाहती होगी वो, क्यों चुप रह गई होगी, जब उसके किसी अपने ही ने उसे गलत तरीके से छुआ होगा तो क्या महसूस किया होगा, उसने, आप भी पढ़कर देखिए !

शारीरिक शोषण की घटना –

शारीरिक शोषण की घटना

”एक खिलखिलाती चहचहाती लड़की थी मै, किसी भी बात पर दिल खोल कर हंस देना तो मानो मेरा ज़िदंगी जीने का फलसफा था, दिल भी किसी के लिए कोई कड़वाहट नहीं थी या यूं कहे कि ज़माने के दोगुलेपन की परत अभी मेरे दिल पर नहीं चढ़ी थी, उम्र तो ज्यादा बड़ी नहीं थी लेकिन सपने बहुत बड़े थे, मुट्ठी में आसमान को कैद कर लेने की ख्वाहिश थी।

शारीरिक शोषण की घटना

बड़ों को इज्जत देना और किसी का दिल ना दुखाना बचपन से सिखाया गया था, ये मेरी खूबी थी या आज के वक्त के हिसाब से मेरी खामी, ये तो नहीं पता, पर मैं ऐसी ही थी लेकिन अचानक कुछ ऐसा हुआ जिसने मेरी ज़िंदगी बदल दी, जिसने मुझे अंदर तक कुछ ऐसे झकझोरा कि हर एक इंसान पर से मेरा भरोसा उठ गया। जो लड़की पहले किसी पर भी भरोसा करने से पहले ज्यादा नहीं सोचती थी, आज अपना हो या पराया, छोटा हो या बड़ा, दोस्त हो या कोई रिश्तेदार, सब पर  से भरोसा उठ गया और इस सब की वजह बना सिर्फ एक इंसान, जो कहने को तो मेरा रिश्तेदार था, उम्र भी लगभग मेरे पापा जितनी ही रही होगी, शायद इसलिए मैने भी अपने दिल में कहीं उसे वही जगह और वही सम्मान दे रखा था जो कोई लड़की अपने पिता को देती है क्या ये मेरी ग़लती थी ?

शारीरिक शोषण की घटना

आज भी उस रात के बारे में सोचती हूं तो सिहर उठती हूं जब उसने मुझे ग़लत तरीके से छुआ था, जब उसका हाथ मेरी रूह को छलनी कर रहा था।  उस रात के बाद, उस शख्स से मैं दूर तो हो गई लेकिन सोचती हूं कि क्यो कभी किसी से कह नहीं पाई कि क्या हुआ था मेरे साथ, क्यों आज भी वो इंसान उसी रूतबे और इज्जत के साथ अपनी ज़िदंगी जी रहा है, आखिर कैसे उस इंसान ने  मेरे साथ ये करने के बारे में सोचा, अपनी ही बेटी की उम्र की लड़की के साथ अगर कोई शख्स ऐसा करने की सोच भी सकता है तो क्या उसे इंसान कहलाने का ह़क है? बहुत कोशिश की मैने उस बात को भूलने की लेकिन ना जाने क्यों नहीं भूल पाती, ग़लती तो उसने की थी ना फिर सज़ा मैं खुद को क्यों दे रही हूं? एक गिला है मुझे खुद से कि क्यों मैं उस रात उठ कर उसे थप्पड़ नहीं मार पाई, क्यों मैं इतनी कमज़ोर पड़ गई थी ?”

शारीरिक शोषण की घटना

ये कहानी तो सिर्फ एक लड़की की थी लेकिन असल में ये वो सवाल हैं जो हर उस लड़की के मन में कौंधते हैं या यूं कहे कि कचोटते हैं जो अपने साथ हुए ग़लत के खिलाफ आवाज़ नहीं उठा सकी लेकिन जानते हैं, उस ग़लत से ज्यादा तकलीफ ये बात देती है कि वो गलत उसके किसी अपने ने किया।

शारीरिक शोषण की घटना

शारीरिक शोषण की घटना – ऐसा करने वाले लोगों की मानसिकता किस कदर गंदी है इसके बारे में तो क्या ही कहा जाए लेकिन अपने साथ हुए किसी भी ग़लत के खिलाफ आवाज़ उठाने की ज़िम्मेदारी आपकी ही है, ये हर लड़की को समझना और याद रखना होगा। मै समझ सकती हूं कि ये कहना बहुत आसान है औऱ करना बहुत मुश्किल है लेकिन अगर आपने आवाज़ नहीं उठाई तो ये बात आपके दिल में उस जख्म की तरह रह जाएगी जो कभी नहीं भर पाएगा।

ये थी शारीरिक शोषण की घटना की कहानी –