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5 तरह की मानसिकता के पुरुष करते हैं महिलाओं का बलात्कार ! पढ़कर अपने अन्दर जरूर झांके

महिलाओं का बलात्कार

आज समाज में बलात्कार की घटनायें बड़ी तेजी से बढ़ रही हैं.

अगर रेप का ग्राफ ऊपर जा रहा है तो उसके पीछे कहीं न कहीं मर्दों की मानसिकता या सोच में हो रहा बदलाव एक बड़ी वजह है.

आज हम आपको बताने वाले हैं कि किस तरह कि मानसिकता वाले अधिकतर मर्द बलात्कार जैसे घिनौने कार्य को कर सकते हैं.

हमारे इस कार्य से हो सकता है कि मर्द अपने अन्दर झांक कर जरुर देखेंगे जो भविष्य में सुधार का एक कारण हो सकता है.

1.       पुरुष प्रधान मानसिकता

जो पुरुष हमेशा औरतों पर हुकूम चलाने वाली सोच रखते हैं या जो हमेशा यह चाहते हैं कि महिलायें उनके सामने दब कर रहे, इस तरह के अधिकतर पुरुष बलात्कारी प्रवृति के हो जाते हैं. क्योकि अगर महिलायें उनकी बात नहीं मानती हैं तो उनको यह अपना अपमान लगता है और वह इसका बदला लेने के लिए यह घिनौना काम भी कर देते हैं.

2.       औरत को मात्र वस्तु समझने वाले

जो लोग एक औरत को भोग की वस्तु समझते हैं उस तरह के मर्द कभी भी महिलाओं की इज्जत नहीं करते हैं. उनके लिए एक स्त्री मात्र सेक्स की चीज होती है. इस तरह के अधिकतर मर्द बलात्कार जैसे अपराध में लिप्त हो जाते हैं.

3.       विकृत सोच या विकृत सूरत वाले

इस बात का खुलासा एक सर्वे में हुआ कि जिन मर्दों की सूरत खराब होती हैं या उनकी सोच विकृत होती है तो इस तरह के पुरुषों को किसी खुबसूरत स्त्री का प्यार नहीं मिल पा रहा होता है. तब अपनी इस कमजोरी के चलते इस तरह के लड़के या पुरुष बीमार मानसिकता के शिकार बन जाते हैं और कामुकता पूर्ति के इस तरह के काम करते हैं.

4.       अहंकार पूर्ण मानसिकता के लोग

जिन मर्दों को अपने ऊँचे पद या बहुत अधिक पैसों का घमंड होता है तो इस तरह के अधिकतर मर्द महिलाओं का बलात्कार कर सकते हैं क्योकि कानून जैसी चीज का इनको कोई डर नहीं होता है.

5.       अश्लील मानसिकता के लोग

जिन लोगों के दिमाग में 24 घंटे ही सेक्स जैसी चीज या अश्लील विचार चलते रहते हैं इस तरह के मर्दों या लड़कों से दुरी बनाये रखना ही लड़कियों या महिलाओं के लिए बेहतर बात हो सकती है. इस तरह के के मर्दों के लिए बलात्कार एक मजे की चीज होती है.

तो अगर आप लोगों की मानसिकताओं को पहचान सकते हो तो इन पांच तरह की मानसिकता वाले मर्दों से दुरी बनाये रखने में ही लड़कियों की बलाई है.

पुरुष भी अगर अपने अन्दर इस तरह के विचार पाते हैं तो तुरंत उनका ईलाज कराएँ ताकि एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो सके.