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पाकिस्तान में गलती से भी आपने किया से सवाल तो खानी होगी जेल की हवा

पाकिस्तान के चुनाव में

पाकिस्तान के चुनाव में – कई बार कुछ मुद्दों पर नेतागण भारत की तुलना पाकिस्तान से कर बैठते हैं, ऐसे में उन्हें ये खबर ज़रूर पढ़नी चाहिए.

पाकिस्तान में कुछ ही दिनों में चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में वहां का माहौल काफी गरमा गया है. पाकिस्तान के चुनाव आयोग की तरफ से एक अधिसूचना भी जारी की गई है और इसमें उन सवालों का ज़िक्र है जिसके पूछे जाने पर आपको जेल की हवा खानी पड़ सकती है.

भारत और पाकिस्तान के लोकतंत्र में कितना अंतर है ये जानने के लिए आपको बस ये जानना ही काफी है कि हमारे देश में जो सवाल हर आदमी बिना किसी खौफ के पूछ सकता है उसे पाकिस्तान के चुनाव में पूछे जाने पर आपको जेल की वहा खानी पड़ सकती है.

जी हां, ये बात सही है. वैसे ये सवाल कोई अनोखा नहीं है, बल्कि बहुत ही साधारण सा है वो ये कि ‘आपने चुनाव में किसे वोट किया है.’

पाकिस्तान के चुनाव में –

देखने में यह सवाल भले ही बेहद छोटा और आसान दिखता हो, लेकिन पाकिस्तान में ऐसा सवाल पूछना आप पर भारी पड़ सकता है. यह सवाल पूछने पर आपको जेल हो सकती है या फिर आप पर एक लाख रुपए का जुर्माना लग सकता है और अगर किस्मत खराब रही तो आपको जेल और जुर्माना दोनों ही भुगतना पड़ सकता है.

पाकिस्तानी अंग्रेजी अखबार ‘डॉन’ के अनुसार, पाकिस्तान के चुनाव आयोग की तरफ से जारी अधिसूचना में ऐसे कई काम हैं जिन पर प्रतिबंध लगाया गया है.

अगर कोई इन्हें करता है तो इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. अखबार के अनुसार बैन किए गए काम में  किसी से यह पूछना भी शामिल है कि उसने चुनाव में किसे वोट दिया? मतपत्र की तस्वीर लेना भी अपराध माना जाएगा. पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव है.

अखबार के अनुसार वोट डालने या नहीं डैलने के लिए किसी वोटर को तोहफे देकर बरगलाया भी नहीं जा सकता.

ऐसे करना अपराध माना जाएगा. अधिसूचना के अनुसार जिला चुनाव अधिकारी या सत्र न्यायाधीश इस तरह के अपराध करने वालों को तीन साल तक की सजा-ए-कैद, या एक लाख रूपये का जुर्माना या कैद और जुर्माना दोनों सुना सकता है.

पाकिस्तान के चुनाव में इस बारे मे ज़रा उन लोगों से पूछा जाना चाहिए जो भारत की तुलना पाकिस्तान से करते आए हैं. क्या भारत में आपने सुना है कि किसी से इस तरह का सवाल पूछने पर उसे जेल हुई हो? ऐसा तालिबानी फरमान तो बस पाकिस्तान जैसे देश में ही सुनाया जा सकता है.