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खाप पंचायतों की 5 ऐसी सजायें जिनको पढ़कर आपकी रूह कांप जायेगी

Khap Panchayat Punishments

खाप पंचायतें देश में अपने फैसलों और अलग-अलग तरह की सजाओं को लेकर हमेशा से ख़बरों में बनी रहती हैं.

जितना इनका नाम सुनकर ही डर लगता है उतनी ही खतरनाक इनकी सजायें भी होती हैं. वैसे इनकी सजाओं और तालिबानी सजाओं में बहुत ज्यादा बड़ा अंतर नहीं होता है.

लेकिन याद रखें कि आप कोई भी ऐसा काम  ना ही करें कि इनकी सजा का आपको सामना करना पड़े.

तो आज आपको इनकी कुछ इसी तरह की अजीबों गरीब फैसलों के बारें में बताते हैं कि जिनको सुनकर आपकी रूह तक कांप जाएगी-

1. जब महिला की नाक काट दी गयी

एक महिला ने जब अपने ससुर पर बलात्कार का आरोप लगाया तो राजस्थान की खाप पंचायत ने मानवता को तार-तार करते हुए उस महिला की नाक काटने का फरमान दिया था. इस महिला का कसूर बस इतना था कि इसने ससुर पर आरोप लगाकर गाँव की नाक काटी थी और बदले में इस महिला की नाक काटी गयी थी.

2. प्यार की सजा लड़के का लिंग काट दो

यह सजा तालिबानी सजा से कम नहीं है. साल 2013 में इंदौर में एक लड़के को प्यार की यह सजा दी गयी थी कि उसका लिंग ही काट दिया गया था ताकि जिंदगीभर वह नपुंसक बनकर जीये और यह फैसला गाँव के अन्य लड़कों को भी याद रहे.

3. सरे आम गाँव में नंगी घुमाई महिला

उत्तर प्रदेश की खाप पंचायत ने एक महिला को फरमान दिया कि पहले उसको नंगा करके गाँव में घुमाओं तब महिलायें गर्म आटा उसको मारेंगी और उसके बाद वह पंचों के सामने दूध से नहाएगी तब पंच इस बात का फैसला करेंगे कि वह पवित्र है या नहीं.

4. प्रेमी जोड़े की आँखें निकाल लेने की सजा

प्यार करने वालों को भी खाप बड़ी बेरहमी से भरी सजायें देती हैं. हरियाणा में सालों पहले एक सजा दी गयी थी कि दोनों की आँखे निकाल लो, लेकिन दोनों को मारा ना जाए. आँखें निकालने के बाद दोनों एक दुसरे को कभी देख नहीं पायेगे और प्यार करने की यह गलती जिंदगी भर दोनों सहन करेंगे.

5. भाई की सजा बहन को

प्यार में एक लड़का गाँव की एक लड़की को लेकर भाग जाता है. तो खाप पंचायत इसकी सजा बहन को देते हुए कहती है कि लड़की का पहले रेप किया जाए और इसके बाद उसको नंगा करके गाँव में घुमाया जाये.

यह कुछ फैसले ऐसे हैं जो आपको खाप पंचायतों का चरित्र उजागर कर देती हैं.

वैसे हत्या जैसे सजा यहाँ बहुत छोटी मानी जाती हैं. आज तक ना जाने कितने लोगों को खाप ने जिन्दा जलवाया है या जिन्दा दफ़न करवा दिया है. दुःख की बात यह है कि आज भी इन खापों पर रोक नहीं लगाई गयी है.

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