कैरियर

दफ़्तर का खराब माहौल, खराब कर सकता है आपका करियर

दफ़्तर का माहौल – आजकल लोगों के बीमार पड़ने से ज्यादा उनके स्ट्रेस में होने के कारण मौत की खबरें सुनाई देती है। आजकल अक्सर यही सुनने में आता है कि फलां व्यक्ति अच्छा खासा कमा रहा था, लेकिन फिर भी खुदकुशी कर ली।

बड़ी बात तो यह है कि ऐसी खबरों में विकासशील और विकसित दोनों ही देशों के आकड़े लगभग आसपास ही है। आकड़ों के मुताबिक अमेरिका से लेकर चीन और जापान से लेकर हिन्दुस्तान हर देश का नाम इस लिस्ट नें शामिल है।

इस मामले पर अगर सटीक आकड़ों की बात की जाये तो आपको बता दें कि साल 2015 में करीब तीन सौ रिसर्च के नतीजों के हवाले से कहा गया कि ‘दफ़्तर में कामकाज का खराब माहौल हमारी सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह है और कभी-कभी तो ये जानलेवा भी हो सकता है’। हमें इस तरह के हालातों में अक्सर डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ता है।

दफ़्तर में हम तनाव तब ही महसूस करते है जब काम का हम पर समय से ज्यादा बोझ हो, या फिर आपकों काम पर निर्धारित समय से ज्यादा वक्त रहना पड़ रहा है। वक्त-बेवक्त कभी भी आपकों काम पड़ने पर काम के लिए जबरदस्ती बुलाया जा रहा हो। दफ़्तर का तनाव हमारी जिंदगी में ठीक उसी तरह है, जैसे सिगरेट कोई और पी रहा है लेकिन उसके बगल में खड़े होने के चलते सेहत का भुगतान हम भी भर रहे है।

आज ऑफिस में काम करना लोगों को दबावभरी जिंदगी जीने पर मजबूर कर रहा है। उस पर अगर दफ़्तर का माहौल खराब हो तो आपकी जिंदगी ऐसी हो जाती है जैसे “एक तो करेला ऊपर से नीम चढ़ा”। दफ़्तर का माहौल ख़राब होने की कई वजहें हो सकती है, जैसे कि काम के लंबे घंटे, घर और दफ़्तर की जिम्मेदारी को बैलेंस ना कर पाना, नौकरी ना जाने का मन, वक्त-बेवक्त काम पर बुला लिया जाना आदि। ऐसे हालात ही आज ऑफिसों में काम करने वाले लोगों को बीमार बना रहे है और ये बीमारियां धीरे-धीरे उनकी जान ले लेती है।

विश्व आर्थिक संगठन द्वारा दिये गए रिसर्च आकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में सेहत और इलाज पर होने वाले खर्च का तीन चौथाई हिस्सा भंयकर बीमारियों के इलाज में जाता है। छुआछुत और संक्रमण से न होने वाली बीमारियां आज कुल मौतों का करीब 63% है। इस गहन चितंन वाले विषय पर तमाम सर्वे यही बताते है कि आज दफ़्तर हमारी जिंदगी में तनाव की बहुत बड़ी वजह बन गया है। इसी वजह से ये आज सम्पूर्ण विश्व जगत में हेल्थ केयर के संकट की वजह बन गया है।

आज जहां एक ओर ऑफिस के खराब और तनावपूर्ण माहौल के चलते यंग लोगों के मरने के आकड़े बढ़ रहे है, वही दूसरी ओर खराब माहौल की वजह से ही आज यंग जनरेशन के बच्चें एक जगह टिक कर ज्यादा समय तक काम नहीं करना चाहते। थोड़ें ही समय में वह अपने ऑफिस के दबाव और उनके अलग-अलग तरह के नए-नए नियमों में खुद को इतना बाधित महसूस करने लगते है कि या तो जॉब बदल देते है या फिर तनाव में आकर कोई गलत कदम उठा लेते है। कई बार तो इस तरह के माहौल में अचानक से जॉब छोड़ देना उनके प्रोफेशनल करियर को भी कई मुश्किलों के घेरे में डाल देता है।

ऐसे हालातों को देखते हुए ये बेहद जरूरी है कि हर कंपनी अपने कर्मचारियों का हेल्थ इंश्योरेंस कराये। तो वहीं लोगों को भी ऐसी कंपनियों में काम करना चाहिये जहां का माहौल दोस्ताना व तनावरहित हो। इस मामले पर सरकार को भी चाहिये कि वह सभी कंपनियों पर उनके कर्मचारियों की देखभाल का दबाव डाले, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर बिमारी का बोझ ना पड़े।

Kavita Tiwari

Share
Published by
Kavita Tiwari

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

3 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago