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अब योगा नहीं डोगा करें जो आपका स्ट्रेस कर देगा छूमंतर

योगा नहीं डोगा – शहरीकरण के इस दौर में दो चीज सबके साथ सामान्य है- पहली कि सब बीमार हैं और दूसरी कि किसी के पास अपने लिए समय नहीं है।

ये दोनों चीज एक दूसरे से ही संबंधित है। लोग इसलिए बीमार नहीं है क्योंकि उनके पास खुद के लिए समय नहीं है। किसी को कमर दर्द की शिकायत है तो किसी के पैरों में अभी से दर्द रहता है। किसी के सिर में दर्द रहता है तो किसी के दांत अभी से खराब हो रहे हैं। यह सारी की सारी बीमारियां 20 पार कर चुके युवाओं को हो रही है। इन सारी बीमारियों का कारण है- स्ट्रेस

स्ट्रेस के कारण हो रही बीमारियां

आजकल की अधिकतर बीमारियां स्ट्रेस के कारण हो रही हैं। स्ट्रेस बढ़ रहा है तो लोगों की बीमारियां बढ़ रही हैं। ये सब बीमारियों जब बड़ी हो जाती हैं तो हार्ट अटैक और डायबिटीज में बदल जाती हैं जिसके कारण ही इंडिया में सबसे ज्यादा मौतें होती हैं।

लोग खा रहे पेनकिलर

इन सब बीमारियों से बचने के लिए लोग पेनकिलर खा लेते हैं। किसी को सिर दर्द देता है तो पेनकिलर ले लेते हैं। किसी को पेट दर्द देता है तो लोग पेनकिलर ले लेते हैं। सब मरीज तो हैं लेकिन खुद को अपने आप में डॉक्टर समझते हैं। जबकि डॉक्टर्स इन छोटी-छोटी बीमारियों से बचने के लिए पेनकिलर खाने की सलाह कभी नहीं देते हैं। बल्कि वे योगा करने की सलाह देते हैं। योग से शरीर में फ्लेक्सिबिलीटी बनी रहती है और इस तरह के दर्द और स्ट्रेस की शिकायत नहीं होती है। अब तो डॉक्टरों ने डोगा करने की सलाह दी है जो योगा से काफी आसान और मजेदार है। चौंक गए ना !!

हर कोई चौंक रहा है इस शब्द को सुनकर। लेकिन ये जितना चौंकाने वाला शब्द है उतना ही ये इफेक्टिव है।

डोगा

क्या है डोगा?

योगा से ही डोगा बना है फर्क केवल इतना है कि इसे करने में ज्यादा मजा आता है और यह आसान भी होता है। आजकल ये काफी ट्रेंड में है और पश्चिमी देशों में इसे काफी पसंद किया जा रहा है।

डोगा= डॉग+योग

डोगा, डॉग (कुत्ता) और योग को मिलाकर बना है। आजकल हर किसी के पास कुत्ता होता ही है। ये वफादार होता है और इंसानों का अकेले का साथी होता है। इसलिए शहरीकरण के दौर में इंसान के पास अगर कोई सच्चा दोस्त बचा है तो वह केवल कुत्ता है जो अपने दोस्त (मालिक) को खुशबू से ही पहचान लेता है। इसलिए तो एसी वाले कार की बैकसीट में कुत्ते बैठे होते हैं और रास्ते में इंसान भीख मांग रहे होते हैं। खैर, इस पर कभी और बात होगी। आज केवल डोगा की बात।

डोगा

कैसे करते हैं डोगा?

डोगा अपने पालतू कुत्ते के साथ किया जाता है। इसमें डॉग के साथ झुकते और घुमते है। डॉग के साथ खेलना है और हर वह एक्सरसाइज करनी है जिसे करने से आपको बोरियत महसूस होती है। मतलब की आपको अपने पालतू जानवर को अपने योग का हिस्‍सा बनाना है। डॉग के मालिक ना केवल अपने बॉडी के साथ अपने श्‍वास के माध्‍यम से संपर्क में रहते हैं बल्कि अपने पालतू जानवरों के साथ ऐसा शेयर भी करते हैं। टाइम ने यूनाइटेड किंगडम के डोगा फाउंडर संस्थापक Mahny Djahanguiri ने कहा कि “वे चिकित्सक हैं। वे प्राकृतिक चिकित्सक हैं। वे जानते हैं कि संतुलन से क्या बाहर है और क्या नहीं है,” यह आपके कुत्तों को मित्रवत होने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा।

डोगा

डोगा के फायदे

रोज दिन में दो घंटे डोगा करने से आप स्ट्रेसफ्री रहेंगे। इससे आप अपने पालतू कुत्ते को समय दे पाएंगे तो आप दोनों का रिश्ता और अधिक गहरा होगा। इससे आपके बॉडी पॉश्चर में सुधार होगा। डोगा करने से आपके शरीर में थकावट होगी जिससे आफको अच्छी नींद आएगी। ब्लड सर्कुलेशन तेज होगा जिससे शरीर में दर्द की शिकायत नहीं होगी।

तो यह सारे फायदे होते हैं एक डोगा करने से, इसलिए आज से रोज अपने रुटीन में डोगा को शामिल करें और हेल्दी रहें।