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राहुल गांधी को छोड़ मोदी पर लट्टू हो गई है राजनीति नाम की ये लैला

राजनीति के प्यार में

राजनीति के प्यार में – आजकल सोशल मीडिया पर राहुल गांधी की अपनी ही पार्टी की नेता अदिति सिंह से शादी के चर्चे चल रहे हैं।

सोशल मीडिया पर इन दोनों की कुछ तस्‍वीरें वायरल हो रही हैं और दोनों का नाम साथ जोड़ा जा रहा है। इन फोटोज़ के साथ लिखा जा रहा है कि आखिर राहुल गांधी को अपनी पसंद की लड़की मिल ही गई।

अदिति सिंह ना केवल राहुल गांधी बल्कि उनके परिवार के भी काफी करीब हैं और प्रियंका गांधी के साथ भी उन्‍हें काफी घुलमिलकर बात करते हुए देखा गया है। इन्‍हें देखकर साफ समझ आता है कि अदिति गांधी परिवार के काफी करीब हैं लेकिन अब वो राहुल गांधी के कितने करीब हैं ये कहना थोड़ा मुश्किल है क्‍योंकि अब तक राहुल ने खुलकर इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा है।

हालांकि, अगर इस खबर को छोड़ दिया जाए और राहुल की जिंदगी में अदिति को नज़रअंदाज़ कर दिया जाए तो अदिति से पहले राहुल राजनीति के प्यार में थे और है । राहुल ने जबसे होश संभाला है खुद को राजनीति के प्यार में पाया  है, यहां तक कि उनका तो पहला क्रश भी राजनीति ही थी लेकिन ये राजनीति इतनी धोखेबोज़ निकली कि राहुल की मां की गोद से निकलकर मोदी जी की बाहों में जा बसी।

राहुल को ठेंगा दिखा गई राजनीति

राजनीति के प्यार में राहुल, यहां तक कि उन्‍होंने तो अपनी जवानी भी इसी की चाहत में बिता दी कि कभी उन्‍हें राजनीति का प्‍यार मिलेगा लेकिन अब तक तो ऐसा नहीं हो पाया है। वहीं राजनीति जो पहले उनकी मां के नखरे उठाती थी वो अब राहुल को ठेंगा दिखाकर मोदी जी की बाहों जा बसी है और ये बात राहुल को बहुत परेशान कर रही है।

राजनीति के प्यार में बन गया है लव ट्राएंगल

देखा जाए तो राहुल जिस हद तक राजनीति के प्‍यार में बावरे हो रखे हैं तो उसी तरह राजनीति के मन में तो मोदी जी बस गए हैं। मोदी जी ने भी राजनीति को खूब प्‍यार दिया है और अब मुश्किल ही है कि अगले आने वाले कुछ सालों और चुनावों में राहुल को राजनीति का मुंह देखने को मिले। राहुल राजनीति के पीछे हैं और राजनीति तो मोदी जी से दिल लगा बैठी है। इस तरह इन तीनों का लव ट्राएंगल बन गया है।

इस प्‍यार के मोह जाल में बस राहुल गांधी या मोदी जी नहीं फंसे हैं बल्कि इस लाइन में दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी हैं। केजरीवाल जी राजनीति के प्‍यार में बिलकुल बांवरे से होते जा रहे हैं और इस चक्‍कर में उन्‍होंने जनता से जो वादे किए थे वो भी भूलते जा रहे हैं। लगता है कि उनका हाल मजनू से भी बदतर होता जा रहा है जिसे लैला तो मिल गई लेकिन लैला का प्‍यार नहीं मिल पा रहा है।

अब इस तरह देश के दिग्‍गज नेता राजनीति के प्‍यार में बांवरे हुए जा रहे हैं जबकि देश को इस आशिकी से कुछ हासिल नहीं हो पा रहा है। ऐसे तो ना सिर्फ इन नेताओं की जिंदगी दांव पर लगी है बल्कि देश की करोड़ों जनता भी परेशान है।