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इन वजहों से भारतीय लोग लेते हैं बहुत कम छुट्टी

भारतीय कम छुट्टी लेने में आगे

भारतीय कम छुट्टी लेने में आगे – हाल ही में एक ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी ने सर्वे करवाया था जिसमें सामने आया कि इंडियन यूथ दूसरे देशों के मुकाबले बहुत कम छुट्टी लेते हैं

इस रिपोर्ट के मुताबिक तेजी से करियर ग्रोथ पाने के लिए भारतीय समय की परवाह नहीं करते और कई-कई घंटे ऑफिस में बिताते हैं।

अधिकतर लोग तो कंपनी द्वारा दी जाने वाली सालाना छुट्टी तक को पूरा ले पाते हैं इस लिस्‍ट में भारत चौथे नंबर है। पहले नंबर पर जापान, दूसरे पर अमेरिका और तीसरे नंबर पर ऑस्‍ट्रेलिया है।

आप भी सोचे रहे होंगें कि कंपनी से छुट्टी मिलने के बाद भी भारतीयों के इतनी कम छुट्टी लेने के पीछे क्‍या वजह हो सकती है।

तो चलिए हम जान लेते हैं कि भारतीय कम छुट्टी लेने में आगे क्‍यों हैं।

भारतीय कम छुट्टी लेने में आगे –

१ – हॉलीडे गिल्‍ट सिंड्रोम

अधिकतर लोग हॉलीडे गिल्‍ट सिंड्रोम के शिकार हैं। ये लोग या तो योजना बनाकर छुट्टी लेते हैं या लेते ही नहीं हैं। ऐसे लोग जब छुट्टी लेने के बारे में सोचते हैं तो उस समय उनके पास कई असाइनमेंट्स होते हैं जिन्‍हें कंपनी के फायदे के लिहाज़ से पूरा करना होता है। ऐसे में वो इन्‍हें पूरा करने के लिए छुट्टी लेना ही भूल जाते हैं।

२ – ऑफिस का स्‍ट्रेस

कुछ समय पहले जापान में एक महिला पत्रकार की मौत 159 घंटों तक लगातार काम करने की वजह से हो गई थी। आज के वर्क कल्‍चर को लेकर कई तरह के सवाल खड़े होते हैं। ऑफिस में काम के स्‍ट्रेस के बीच में भी लोग छुट्टी लेना भूल जाते हैं। काम के स्‍ट्रेस की वजह से कई मानसिक बीमारियां हो रही हैं।

३ – प्रोजेक्‍ट पूरा करने की चिंता

हर कोई खुद को मिले असाइनमेंट को टाइम पर पूरा करना चाहते हैं और इसके लिए वो बिना रूके लगातार काम करते रहते हैं। इसका नतीजा ये होता है कि एक असाइनमेंट के पूरा होते ही उन्‍हें दूसरा असाइनमेंट मिल जाता है। इससे छुट्टी लेने का समय ही नहीं मिल पाता है। अगर आप मेहनती हैं तो एक काम खत्‍म करने के बाद आपके पास दूसरा काम आ जाता है जबकि कामचोर लोग खूब छुट्टी लेते हैं।

४ – डे आफ्टर टुमारो डिस्‍ऑर्डर

भारत में डे आफ्टर टुमारो डिस्‍ऑर्डर से ग्रस्‍त लोगों की संख्‍या भी काफी है। ये स्थिति तब और भी ज्‍यादा भयंकर हो जाती है जब कई कोशिशों के बाद भी काम पूरा नहीं हो पाता है। ऐसे में डिप्रेशन होना लाजिमी है। डेडलाइन की चिंता में इंप्‍लॉयी काम ही खत्‍म नहीं कर पाता है तो उसे छुट्टी लेने की फुर्सत कहां से मिलेगी।

५ – बॉस की दुहाई

बॉस हमेशा ज्‍यादा काम होने की दुहाई देते रहते हैं और ऐसे में कर्मचारी पर छुट्टी ना लेने का दबाव पड़ता है। अगर बॉस आपके डिपार्टमेंट में हमेशा ये ही कहता रहे कि काम बहुत ज्‍यादा है कैसे किया जाए तो आप छुट्टी लेने के बारे में सोच भी कैसे सकते हैं।

यही है वजहें भारतीय कम छुट्टी लेने में आगे है – अब तो आप समझ गए ना कि हम भारतीय अपने काम को लेकर कितना ज्‍यादा सीरियस होते हैं और हमारे लिए छुट्टियों से ज्‍यादा काम जरूरी होता है। बस काम पूरा करने के चक्‍कर में ही भारतीय छुटटी लेना भूल जाते हैं।