४. कुछ दिन पहले अखबारों में यह पढ़ा था कि एक बच्चे ने अपने एक साथी की जान सिर्फ इस लिए ले ली कि वह अपने हम उम्र दोस्त से उसका स्मार्ट मोबाइल खेलने के लिए पूछ रहा था. लेकिन उस दोस्त ने इसे वह मोबाइल नहीं दिया, तो गुस्से में आकर उसने अपने दोस्त की जान ले ली. बच्चों को छोटी उम्र में सही संस्कार ना मिलने के यह दुष परिणाम होते है.
बच्चो से लेकर बुजुर्गों तक गुस्से का परिणाम देखने को मिलता है. कोई अपने बीवी पर शक करते हुए उसे आग के हवाले करता है, तो कही प्रेम करने पर समुदाय के लोग रेप जैसा घिनौना काम करते है. उदाहरण जितना दो उतना ही कम है.