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गैंग्स ऑफ वासेपुर के ये 25 डायलॉग आपका दिन करारा करने के लिए काफी हैं

गैंग्स ऑफ वासेपुर

गैंग्स ऑफ वासेपुर – सबका बदला लेगा तेरा फैजल…

यह एक डायलॉग आपको आते-जाते अपने दोस्तो के ग्रुप में सुनने को मिल जाएंगे। और ये केवल यही एक डायलॉग नहीं है बल्कि ‘गैंग्स ऑफ वास्सेपुर’ में ऐसे कई डायलॉग्स हैं जो आपका बिगड़ा हुआ मूड अच्छा बना सकते हैं।

सन 2012 में अनुराग कश्यप निर्देशित फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर बॉलीवुड की एपिक मूवी है (क्लासिक अगर कहेंगे तो आलोचक शब्दों के फेर में पड़ जाएंगे, इसलिए एपिक) जो कभी भी देखी जा सकती है। हॉस्टल्स में रहने वाले लड़के तो पार्टी करने के दिन यह फिल्म ही देखते हैं। इसकी सबसे अच्छी बात है इसके डायलॉग्स जो आज भी नए लगते हैं।

जब ये फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर आई थी तो लोगों ने इसे छोटे बजट की फिल्म टाइप मूवी होगी लेकिन जैसे जैसे दर्शक फिल्म देखकर सिनेमा से बाहर निकले उन पर सरदार खान का ऐसा जूनून छाया कि वो गैंग्स ऑफ वासेपुर 2 ‘ आने पहले से ही फैजलवा बन गये थे।

इसलिए आपके अंदर के फैजल के लिए हम लेकर आए हैं इस फिल्म के ये 25 डायलॉग जो आपका दिन करारा बना देंगे।

सरदार खान के डायलॉग

गैंग्स ऑफ वासेपुर

मनोज वाजपेयी ने इसमें सरदार खान की भूमिका निभाई थी जिनके कारण आज यह केरेक्टर अमर हो चुका है।

“सरदार खान नाम है हमारा … बता ..दीजियेगा सबको …”

“आड़ चाहे जितने बड़े हो जाये … लाड के नीचे ही रहता है ”

“उस हरामी को मिटाना है हमें .. गोली नही मरेंगे … कह के लेंगे उसकी ..”

“ई का बवासीर बना दिए हो .. मारते है कसाई मोहल्ला ..जाता है कलकत्ता ”

इस एक डायलॉग ने बवासीर जैसी बीमारी को भी आम बना दिया है। यह मेरा फेवरेट डायलॉग है और इसके कारण मम्मी की डांट भी खूब मिली है।

“ज़रा सूंघ के बताओ ..मंत्री जी नाश्ता में का खाए है ”

गैंग्स ऑफ वासेपुर

“बड़े लोग अपना नाम भूल जाते हैं..लेकिन अपनी ज़मीन अपना सामान नहीं।”

“घर जा के .. जब अपने पिताजी की **** खुजा रहे होंगे ना …तब पूछियेगा हम कौन है ”

“अगर हमारे बेटे को कुछ हो जाता तो इतना गोली मारते ….. की आपका ड्राईवर भी खाली खोका बेच बेचकर रईस बन जाता”

“हजरात हजरात हजरात …. ..इतना बम मरेंगे की पूरा एरिया धुआं धुआं हो जायेगा ..और रामाधीर सिंह के परिवार के हरेक आदमी से *** नाच नाचवायेंगे … हजरात हजरात हजरात”

सबका पसंदीदा- “बेटा ..तुमसे ना हो पाएगा”

रामाधीर सिंह के डायलॉग

गैंग्स ऑफ वासेपुर

“उसके मुंह में तार डाल के **** से निकाल के इसी प्लोट पर पतंग नही उड़ाई तो हमारा नाम नही”

“जैसे लोहा लोहे को काटता है वैसे ही चु*** ही तो चु**** को मरेगा ना”

“वो काहे भाई…हम अभी तक जिन्दा है क्युकी हम सनीमा नही देखते, सब साले सबके दिमाग में अपनी अपनी पिक्चर चल रही है, सब साले हीरो बन्ना चाह रहे अपनी पिक्चर में, ई साला हिंदुस्तान में जब तक सनीमा है .. लोग चु*** बनते रहेंगे”

फैज़ल खान के डायलॉग

गैंग्स ऑफ वासेपुर

“बाप का, भाई का, दादा का, सबका बदला लेगा रे तेरा ये फैज़ल…”

“तुमको याद कर करके हमरा हाथ दुःख गया ”

“सारा का सारा वासेपुर बंद करवाओ”

“बच्चे को डैडी का ही बोलना”

मोहसिना के डायलॉग

“पहले परमिसन लेना चाहिए था ना ..”

फैज़ल और मोहसिना का संवाद

गैंग्स ऑफ वासेपुर

फैज़ल-पिक्चर चलें ? करन अर्जुन .. चल ना साहरुख सलमान दोनों है

मोहसिना -हाथ पकड़ोगे तुम?

“माँ कसम नही पकडूँगा”

“गोदी में पोपकोर्न गिरेगा तो ढूँढोगे नही अँधेरे में ”

“माँ कसम …नही ढूँढोगा ”

“सट के बैठोगे ?”

“माँ कसम नही बैठूँगा ”

“तो अपनी अम्मा के साथ ही जाओ ना.. हमरा क्या ज़रुरत है ”

अन्य डायलॉग

“इंसान जो है बस दो नस्ल के होते है .. एक होते है हरामी और दुसरे बेवक़ूफ़”

सुल्तान – ये वासेपुर है ..यहाँ कबूतर भी एक ही पंख से उड़ता है ..और दुसरे से अपनी इज्ज़त बचाता है”

नगमा खातून – “खाना खाओ… ताक़त आयेगा… बाहर जाकर बेईज्ज़ती मत कराना…”

पिस्तौल बनाने वाला – ट्रक के स्टेरिंग का पाइप लाओ…ये तो… फट के फिलोवर हो जायेगा

तो कैसे लगे ये गैंग्स ऑफ वासेपुर के डायलॉग। फिर से एक बार यह फिल्म देखने का मन कर रहा होगा। अरे तो रोका किसने है… शाम को लैपटॉप पर फिल्म लगा कर बैठ जाइए।