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इस वजह से कुत्ते नहीं सो पाते रात में, इंसानों को भी बचना चाहिए इस खतरानाक चीज़ से!

कुत्तों और इंसानों की दोस्ती

कुत्तों और इंसानों की दोस्ती का इतिहास 30 हज़ार साल पुराना है.

ऐसा कहा जाता है कि जब इंसानों ने जानवरों को पालतू पशुओं के रूप में पालना शुरू किया था तो उसमें कुत्ते भी शामिल थे जो उनकी और उनके जानवरों की देखभाल किया करते थे. इंसानों का इतना करीबी होने के कारण कुत्तों पर अब तक कई वैज्ञानिक रिसर्च भी हुई है जिनमें ये बात साबित हुई है कि इंसानों का सबसे वफादार दोस्त एक इन्सान नहीं बल्कि उसका कुत्ता होता है. कुत्ते भेडियों के वंशज के ही होते है लेकिन इंसानों के साथ रहते-रहते इनकी प्रजातियों में कई बदलाव आये है.

इसलिए अधिकतर कुत्ते इंसानी आबादी के आसपास ही रहना पसंद करते है. कुत्ते और इंसान के बीच का रिश्ता काफी भावनात्मक होता है उन्हें भी इंसानों की तरह ही दुःख-दर्द, ख़ुशी-गम, टेंशन और डर लगता है. अभी हाल ही में हुई एक रिसर्च भी यही कह रही है कि इंसानों की तरह कुत्तों को भी स्ट्रेस के कारण नींद नहीं आती है.

आइये जानते है कुत्तों और इंसानों की दोस्ती के रिसर्च के बारे में-

क्या कहती है रिसर्च?

कुत्तों और इंसानों की दोस्ती

दरअसल अभी हाल ही में हुई एक रिसर्च में वैज्ञानिकों ने कुत्तों में इंसानों की तरह ही अनियमित नींद का पैटर्न पाया है. इस ख़ास रिसर्च में बताया गया कि अगर आप सोने से पहले अपने कुत्ते पर प्यार से हाथ नहीं फेरते है तो उन्हें अजनबी सा महसूस होने लगता है जिस वजह से वे अपने आप को अकेला सा महसूस करते है जिसके कारण वे रात भर ढंग से सो नहीं पाते है. साथ ही कुत्ते ये भी सोचने लगते है कि उन्हें उनके मालिक से उतना प्यार नहीं मिल रहा है जितना वे सोच रहे थे. नींद को लेकर की गई इस रिसर्च में आगे बताया गया कि कुत्ते जब ज्यादा दुखी होते है तो वे जल्दी से सो जाते है. वहीं भयंकर स्ट्रेस में उन्हें भी इंसानों की तरह नींद नहीं आती है. वहीं पिछले दिनों कुत्तों की बुद्धिमत्ता को परखने के लिए एक सम्मलेन में कनाडा के मनोवैज्ञानिक स्टैनली कोरेन ने बताया कि ‘कुत्ते लगभग उतने ही बुद्धिमान होते है जितना की एक ढाई साल का बच्चा.’ इसके अलावा उन्होंने आगे बताया कि कुत्ते करीब ढाई सौ शब्द और भाव-भंगिमाएं याद रख सकते है.

कुत्ते का व्यवहार मालिक के व्यवहार पर करता है निर्भर-

कुत्तों और इंसानों की दोस्ती

पिछले दिनों मिरर की एक रिपोर्ट में कुत्तों पर हुई एक नई रिसर्च के बारे में बताया गया कि मालिकों के व्यवहार के आधार पर ही कुत्तों के हार्मोन्स में बदलाव आते है जिससे वे अपने मालिकों के व्यवहार का अनुसरण करते है. इस रिसर्च में ये बात भी सामने आई की कुत्ते भी अपने मालिक के स्वभाव के अनुसार गुर्राते और गुस्सा करते है. वहीं अगर मालिक का व्यवहार शांत और दोस्ताना है तो उस कुत्ते का व्यवहार भी वैसा ही होता है.

कुत्तों और इंसानों की दोस्ती के इस रिसर्च से आपको पता चल ही गया होगा कि इंसान ही नहीं बल्कि पालतू जानवरों को भी प्यार और प्रोत्साहन की जरूरत होती है, इसलिए अपनी व्यस्त दिनचर्या में से अपने कुत्ते के लिए भी प्यार के दो पल जरुर निकाले.