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रसोई में इस्तेमाल होने वाले खाने के तेल से दौड़ेगी अब गाड़ियां

कुकिंग ऑयल

कितना अच्छा होता अगर पेट्रोल या डीजल के बजाय किचन में इस्तेमाल होने वाले कुकिंग ऑयल से गाड़ियां चलती !!

फिर ना पॉल्यूशन होता और ना ही ओजोन परत को इतना नुकसान पहुंचता है। ग्रीन हाउस गैस की भी चिंता करनी नहीं पड़ती। सबकुछ अच्छा होता और आज दुनिया ऐसे बर्बादी के कगार में नहीं पहुंचती।

खैर, कोई नहीं देर से ही सही, दुरस्त खबर आई है। खबर आई है कि अब भविष्य में रसोई में इस्तेमाल होने वाले कुकिंग ऑयल से गाड़ियां चलेंगी। हैरान होने की बात नहीं है और ना ही कोई मजाक चल रहा है। जल्द ही भारत सरकार एक नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने वाली है। इस प्रोजेक्ट के तहत सरकार जल्द ही रसोई में इस्तेमाल होने वाले कुकिंग ऑयल से बायोडीजल बनाएगी।

कुकिंग ऑयल

RUCO प्रोजेक्ट

रसोई के कुकिंग ऑयल को बायोडीजल में बदलने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने Repurpose Used Cooking Oil (RUCO) नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस प्रोजेक्ट में खाना पकाने में इस्तेमाल किए जाने वाले तेल को बायोडीज़ल में बदला जा सकेगा।

क्यों शुरू हुई यह पहल

यह पहल बर्बाद होने वाले कुकिंग ऑयल को रियूज़ करने के लिए किया जाता है। दरअसल, घर, रेस्‍टेरेंट और होटलों में बहुत सारा तेल खाना पकाने के बाद बच जाते हैं। फिर इस तेल को फेंक दिया जाता है। खाद्य तेल को एक बार इस्‍तेमाल करने के बाद दोबारा इस्‍तेमाल नहीं किया जाता है। क्योंकि एक बार खाना पकाने के बाद तेल जल जाता है और वह दोबारा यूज़ करने के लायक नहीं होती है।

मैकडॉनल्ड ने शुरू भी कर दिया

इस तरह के प्रोजेक्ट में मैकडॉनल्ड ने काम करना शुरू कर दिया है। इस पहल के तहत, प्रयोग किए गए खाना पकाने के तेल को संग्रह करने के लिए 101 स्थानों पर 64 कंपनियों को कार्यभार सौंपा है। मुंबई और पुणे के मैकडॉनल्ड्स ने 100 आउटलेटों में इस्तेमाल किया जाने वाले कुकिंग आयल को बायोडीज़ल में बदलना शुरू कर दिया है।

इस तेल को दोबारा यूज़ करना सही भी नहीं

एक बार खाने के तेल को इस्तेमाल करने के बाद दोबारा इस्तेमाल करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद भी नहीं होता है। FSSAI नियमों के अनुसार, कुल ध्रुवीय यौगिकों (TPC) के लिए अधिकतम स्वीकार्य सीमा 25% पर निर्धारित की गई है। इसके बाद कुकिंग आयल की खपत असुरक्षित मानी गई है।

कुकिंग ऑयल

दुबई में चलती है गाड़ियां

दुबई में तो खाने के तेल से गाड़ियां चलने भी लगी हैं। वहां सभी गाड़ियां खाने के तेल से बने बायोडीजल से चलती हैं। जल्द ही भारत में भी इसी तेल से गाड़ियां चलेंगी।

यह प्रोजेक्ट जितनी जल्दी शुरू हो जाएगा उतना अच्छा होगा। क्योंकि जिस तरह से देश में मौसम बदल रहा है और प्रदूषण बढ़ रहा है, वैसे में बायोडीजल का जल्द से जल्द आना जरूरी है।

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