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बिल गेट्स ने आखिर किसलिए भरी सभा में पकड़ा इंसानी मल से भरा जार

मैला

हमारे देश में मैला उठाने का काम एक खास वर्ग के लोग करते हैं। इस वर्ग का जन्मजात कर्तव्य है मैला उठाना । अगर यह मैला नहीं उठाएंगे तो करेंगे भी क्या…

लेकिन इनके अलावा और कोई वर्ग मैला के तरफ नजर भी नहीं डालता। क्योंकि यह एक निम्न दर्जे का काम है। जबकि इसकी सफाई ही आपको स्वस्थ रखने का काम करती है, लोग यह भूल जाते हैं। लेकिन यह बात दुनिया के सबसे अमीर आदमी ने नहीं भुलाई। यहां हम बात कर रहे हैं दुनिया के सबसे अमीर और परोपकारी आदमी बिल गेट्स की जिन्होंने हजारों लोगों के सामने मैला उठाने का काम किया।

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बिल गेट्स ने उठाया मैला

दुनिया के सबसे अमीर और सक्रिय परोपकारियों में से एक बिल गेट्स ने दुनिया के विकासशील देशों द्वारा झेली जा रही शौचालयों की समस्या की तरफ दुनिया का ध्यान खींचने के लिए बीते मंगलवार को भरी सभा में मैला उठाने का एक स्टंट किया। वे सभा में हाइज़ीन शौच के बारे में लोगों को बता रहे थे तभी अचानक बताते-बताते उन्होंने मल से भरा जार उठा लिया। माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक द्वारा मानव मल का एक जार उठाना हर किसी के लिए चौंकाने वाला काम था जिसके कारण वहां बैठा हर एक शख्स चौंक गया।

पहली बार हमने भी जब यह खबर पढ़ी तो हम भी चौंक गये और हो सकता है कि आप भी चौंक गए होंगे। लेकिन यह सच है। इस कारण ही तो बिल गेट्स की गिनती परोपकारी लोगों में होती है। खैर अब इस सभा के बारे में बात करते हैं जहां बिल गेट्स ने मल का जार उठाया था।

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शौचालय तकनीक को लेकर थी सभा

यह सभा शौचालय तकनीक को लकर थी जिसमें हाइज़ीन शौचालय के बारे में बताया गया था। दरअसल ‘भविष्य में शौचालय तकनीक’ को लेकर बीजिंग में एक कार्यक्रम आयोजित था। गेट्स ने यहां कहा कि बिना स्वच्छता के बहुत सारी चीजें मानवीय जीवन को प्रभावित कर सकती है। खुले में शौच से लोगों का जीवन प्रभावित होता है। पर्याप्त संख्या में शौचालयों का नहीं होना न केवल जीवन जीने के तरीके को प्रभावित करता है बल्कि यह बीमारी, मौत और कुपोषण से भी जुड़ा है।

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आधी से ज्यादा दुनिया स्वस्थ नहीं

यह हर कोई जानता है कि आधी से ज्यादा दुनिया स्वस्थ नहीं है और ना ही लोगों के पास हेल्गी शौचालय है। लोग अब भी 5जी के जमाने में घर से बाहर खेतों और जगंलों में शौचालय के लिए जाते हैं जिसके संपर्क में वे खुद आते हैं और बीमार पड़ते हैं। इसी के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए अरबपति ने कहा कि दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी आरामदायक स्वच्छता सुविधाओं से वंचित है। गेट्स रिइन्वेंटेड टॉयलेट एक्सपो’ में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार को बीजिंग में थे।

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बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने आयोजति किया कार्यक्रम

यह कार्यक्रम बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने सीवर की जगह नयी तकनीक के इस्तेमाल को दिखाने के लिए आयोजित किया था। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन में शौचालयों को बदबू मुक्त करने के लिए अभियान चला हुआ है और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इस अभियान को ‘शौचालय क्रांति’ बताया है। वहीं, भारत में भी इसी तरह का लोक स्वास्थ्य अभियान चल रहा है। भारत सरकार का कहना है कि 2014 में 55 करोड़ लोग खुले में शौच करते थे, जो अब कम होकर 15 करोड़ रह गये हैं।

उम्मीद करते हैं कि बिल गेट्स के कार्यक्रम का यह उद्देश्य सफल रहे और दुनिया को आधी आबादी को यह शताब्दी खत्म होने से पहले हाइज़ीन शौचालय मयस्सर हो।