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इस व्यक्ति के छूने से हो जाती है मौत ! जानें क्या है इसके पीछे का रहस्य !

इगुनगुन – क्या कभी आप ये सोच सकते हैं की किसी के छूने से किसी की मौत हो सकती है?

शायद नहीं. भला ये कैसे संभव है. कोई व्यक्ति किसी को छुए और उसकी मौत हो जाए, ये सुनने में भी बहुत ही अजीब लग रहा है.

आप सोच रहे होंगे की क्या पागलों वाली बात हो रही है.

लेकिन ये सच है.

एक ऐसा देश है जहाँ पर अगर ये आदमी किसी को भी छू लें तो उस यक्ति की मौत हो जाती है.

इसी दुनिया का एक ऐसा देश है जहाँ के लोग इस विशेष तरह के व्यक्ति से बचते हैं. वो नहीं चाहते की उनकी राह में ये व्यक्ति आ जाए. वो बिलकुल भी इस के सामने नहीं पड़ते और न ही अपने परिवार को पड़ने देते हैं.

आखिर ऐसा क्या है इस विशेष तरह के व्यक्ति में जो लोग इससे डरते हैं.

इसके सामने नहीं जाते. और क्या सच में इसके छूने से लोगों की मौत हो जाती है? प

श्चिम अफ्रीका का एक छोटा सा देश है, बेनिन. अफ्रीकी काले जादू वूडू की शुरुआत यहीं से हुई थी. बेनिन में इगुनगुन नाम की एक सीक्रेट सोसायटी है. इसके सदस्यों को ‘जिंदा भूत’ कहा जाता है.

माना जाता है कि ये इगुनगुन किसी अन्य व्यक्ति को छू भी लें, तो वह व्यक्ति तो तत्काल मरेगा ही. इगुनगुन की भी मौत हो जाएगी.  इन्हें लोग जिंदा भूत कहते हैं. कहते हैं की ये एक विपत्ति के तरह होते हैं.

ये देखने में ही डरवाने लगते हैं, क्योंकि भले ही इनकी शक्ल किसी को दिखाई न दे लेकिन ये इस तरह के भेष में होते हैं की इन्हें देखते ही कईयों की जान निकल जताई है.

इगुनगुन लबादा ओढ़ने के साथ ढेर सारे रंग-बिरंगे कपड़े भी पहनते हैं. ये अपने चेहरे को ढंके रहते हैं, ताकि इनकी पहचान छुपी रहे. इगुनगुन का मुख्य काम होता है, गांव वालों के आपसी विवादों में फैसला सुनाना.

माना जाता है कि इन पर मृत पूर्वज ‘आते’ हैं और इनके माध्यम से अपनी राय देते हैं, इसलिए इगुनगुन का फैसला ईश्वर का संदेश और अंतिम माना जाता है. लोग इन्हें भगवान् की तरह मानते हैं.

किसी विवाद को सुलझाने के लिए एक से ज्यादा इगुनगुन बैठते हैं. ये बहुत ऊंचे स्वर और अस्पष्ट शब्दों में बोलते हैं. इगुनगुन के साथ कुछ माइंडर, यानी चेतावनी देने वाले लोग भी चलते हैं. ये भी उनकी सोसायटी के सदस्य होते हैं. उनके हाथों में छड़ी होती है. चूंकि माना जाता है कि इगुनगुन से टच हो जाने से भी व्यक्ति और इगुनगुन, दोनों की मौत हो जाती है, इसलिए ये माइंडर लोगों और इगुनगुन के बीच एक निश्चित दूरी बनाकर चलते हैं. यहां तक कि इगुनगुन कहीं बैठकर आराम भी करते हैं, तो माइंडर पहरा देते रहते हैं. ये गाँव से दूर रहते हैं और कभी भी किसी के घर खाते नहीं.

लोग इनसे इतना डरते हैं कि इन्हें भगवान और शैतान दोनों मानते हैं. इगुनगुन के स्पर्श से मृत्यु होने का डर इतने गहरे तक है कि लोग अनजाने में टच हो जाने पर भी दहशत में आ जाते हैं. लोगों को ये डर सताता रहता है की कहीं उनकी मौत न हो जाए.

Shweta Singh

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