विशेष

इस देश में मरे हुए आदमियों को रखा जाता है ज़िंदा जानिये कैसे ?

डिओगो ऐल्वेस – ये सोचना थोड़ा अजीब लगता है कि ऐसा भी कोई देश हो सकता है जहाँ के लोगों को जिंदा रखा जाए मरने के बाद.

इस तरह की बात करते हुए भी दिल और दिमाग काँप उठते हैं, लेकिन ये सच है. इस दुनिया में एक देश ऐसा है जहाँ के लोग मरे हुए लोगों को बहुत इज्ज़त देते हैं. उनके मरने के बाद भी उन्हें जिंदा रखते हैं.

आज भी ऐसे कई लोगों के शरीर को आप देख सकते हैं जैसे वो जिंदा रहने पर थे.

ये बात है मिश्र की. मिश्र के बड़े बड़े पिरामिड के नीचे भी मरे हुए लोगों को बहुत ही सलीके से दफनाया जाता है.

इतना बेहतर तरीका और किसी देश का नहीं. प्राचीन मिस्र में इंसानों के शवों को प्रिजर्व किया जाता था, जिनकी ममीज अब भी आए दिन मिलती रहती हैं, लेकिन, आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पुर्तगाल की यूनिवर्सिटी में डिओगो ऐल्वेस नाम के एक ‘सीरियल किलर’ का सिर करीब 150 सालों से प्रिजर्व है.

जी हाँ सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन ये सच है.

उस व्यक्ति के सर को आज भी देखने पर लगता है कि जैसे वो बोल पड़ेगा.

क्या है इसके पीछे की कहानी आइये जानते हैं.

असल में डिओगो ऐल्वेस नौकरी की तलाश में लिस्बन आया था लेकिन बन गया था पुर्तगाल का सबसे खूंखार सीरियल किलर. ये स्पेन में पैदा हुआ था. काम के तलाश के लिए पुर्तगाल की लिस्बन सिटी आया था. डिओगो ने काफी समय तक काम की तलाश की, लेकिन नाकामयाब रहा. इसके चलते उसने क्राइम की दुनिया में कदम रख दिया. डिओगो ने सबसे पहले लूटपाट का रास्ता अपनाया, जिसके आसान शिकार किसान हुआ करते थे.जब किसी को उसकी मंजिल नहीं मिलती है तो सबसे आसान तरीका उसे यही नज़र आता है.

किसानों पर हमला करने वाला डिओगो ऐल्वेस लिस्बन में एक नदी पर बने पुल को चुना, जिस पर से शाम के बाद अक्सर किसान अनाज-सब्जियां बेचकर अपने गांव लौटा करते थे. डिओगो जैसे ही किसी अकेले किसान को यहां से गुजरते देखता तो लूट के लिए उसका मर्डर कर देता था और लाश पुल से नदी में फेंक देता था. धीरे धीरे ये उसकी आदत में शुमार हो गया.

बहुत दिनों तक डिओगो ऐल्वेस का यह काम चलता रहा और अंत में ये पुलिस के हाथ लग गया.

कानून से बचने का बहुत प्रयास किया इसने, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया.

जब जांच शुरू की तो डिओगो ऐल्वेस ने लूटपाट बंद कर दी और तीन साल तक अंडरग्राउंड हो गया. इसके बाद उसने फिर से लूटपाट शुरू कर दी. डिओगो समझ गया था कि अगर वह अकेला रहा तो बड़ी लूटपाट नहीं कर पाएगा और उसके पकड़े जाने का खतरा बना रहेगा. इसी के चलते उसने ऐसे लोगों को तलाशना शुरू कर दिया, जो बहुत गरीब थे. ऐसा करके उसने दर्जनों लोगों की गैंग बना ली और बड़ी-बड़ी वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया. अब वो अकेला नहीं था. लीडर बन गया था.

ज्यादा दिन तक ये सब नहीं चल पाया और डिओगो ऐल्वेस को 1941 में उसे 70 से अधिक व्यक्तियों की क्रूर हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई. आख़िरकार वो सजा का अधिकारी बन गया. उसे फांसी दे दी गई. इतना दर्दनाक काम वो कैसे करता था, ये जानने के लिए उसके सर को रख लिया गया ताकि ये पता लगाया जा सके.

इस तरह से आज भी डिओगो ऐल्वेस लोगों के बीच जिंदा है. उसके सर को देखते ही ऐसा लगता है जैसे वो अभी कुछ कह पड़ेगा.

Shweta Singh

Share
Published by
Shweta Singh

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago