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इतने करोड़पति होने के बाद भी क्‍यों गरीब है भारत

गरीब है भारत

गरीब है भारत – भारत को पहले सोने की चिडिया कहा जाता है और शायद यही वजह है कि आज भी भारत पूरी तरह से गरीब नहीं हुआ है।

आज भी भारत में करोड़पतियों की संख्‍या बहुत ज्‍यादा है। आपको बता दें कि भारत में कई ऐसी हस्तियां हैं जिनका नाम दुनियाभर के सबसे अमीर लोगों में शुमार है।

एशिया प्रशांत में सबसे अमीर देशों की लिस्‍ट में भारत का नाम चौथे नंबर पर आता है।

हालांकि, भारत में करोड़पतियों की संख्‍या दुनिया के बड़े देशों के मुकाबले ज्‍यादा नहीं है लेकिन इनमें कई ऐसे लोग भी शामिल हैं जिनके पास इतना पैसा है कि वो हर साल करोड़ों रुपए का टैक्‍स देते हैं। प्रति व्‍यक्‍ति आय के मामले में भारत एक पिछड़ा हुआ देश है। एक रिपोर्ट के मुताबिक a बी भी गरीब है भारत – भारत में प्रति व्‍यक्‍ति की सालाना आय 2.37 लाख रुपए है।

अब भी गरीब है भारत –

पिछले साल किए गए एक सर्वे में भारत के कुल करोड़पतियों की संख्‍या 1 लाख 98 हज़ार थी लेकिन अब ये संख्‍या बढ़कर 2.64 लाख रुपए तक पहुंच गई है जबकि भारत में कुल अरबपतियों की संख्‍या सिर्फ 95 है। इसका मतलब है कि भारत में वर्तमान में कुल 2.64 लाख करोड़पति और 95 अरबपति रहते हैं।

अब आप सोच रहे होंगें कि अगर भारत में इतने ही ज्‍यादा करोड़पति लोग रहते हैं तो फिर क्यों गरीब है भारत!  यहां कैसी भूखमरी और कैसे भिखारी ?

तो दोस्‍तों आपको बता दूं कि भारत का सारा पैसा और संपन्‍नता सरकार की तिजोरी या बड़े-बड़े बिजनेसमैनों की ताले में बंद है। आज अमीर और ज्‍यादा अमीर बनता जा रहा है और गरीब और ज्‍यादा गरीब हो रहा है। इसलिए गरीब है भारत !

जी हां, ये बात बिलकुल सच है और शायद यही वजह है कि देश में इतने करोड़पति होने के बावजूद भी भारत अब तक गरीब है भारत। अगर सरकार कोई नियम बनाए तो देश के सभी लोगों को सिर पर छत और और तन ढ़कने के कपड़ा और दो वक्‍त की रोटी नसीब हो पाएगी लेकिन आप ही बताइए कि भला सरकारा ऐसा क्‍यों करेगी कि वो अपनी तिजोरियां खाली करके जनता की भलाई के बारे में सोचे।

सरकार को छोडिए खुद अमीर बिजनेसमैन भी अपने देश की गरीब जनता के बारे में नहीं सोचते हैं। वो तो बस अपनी लग्‍जरियस लाइफ जीने में ही बिजी रहते हैं। अगर अंबानी और टाटा को छोड़ दिया जाए तो ऐसा कोई भी बिजनेसमैन नहीं है जो देश को गरीबी से निकालकर तरक्‍की की ओर ले जाने के लिए काम कर रहा हो।

सबसे दुख की बात तो ये है कि भारत में अमीर और अमीर बनता जा रहा है और गरीब और ज्‍यादा गरीब हो रहा है। वहीं सरकार भी अमीरों की तिजोरियां भरने में ही लगी है। गरीबों के लिए तो बस स्‍कीमें और योजनाएं बनती हैं जोकि बहुत जल्‍दी फ्लॉप भी हो जाती हैं। यहां अरबपति लोग तो बैंकों से कर्जा लेकर फ्रॉड करके विदेश में ऐश करते हैं और गरीब किसान कर्ज से परेशान होकर फांसी लगा लेते हैं।

इन वजहों से आज भी गरीब है भारत – सरकार और अमीरों की मिलीभगत और निजी स्‍वार्थ के कारण ही देश संपन्‍न होकर भी अमीर नहीं बन पा रहा है।

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