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जानिए भारत में कितने करोड़पति और अरबपति हैं ?

भारत के करोडपति

भारत के करोडपति – भारत की आबादी लगभग सवा सौ करोड़ के पार होगी और इस देश में बेरोज़गारी और गरीबी की कोई कमी नहीं है।

भले ही भारत को गरीब देश कहा जाता हो लेकिन यहां करोड़पति लोगों की भी कोई कमी नहीं है और इसका प्रमाण है लोगों द्वारा हर साल भरी जाने वाली इनकम टैक्‍स रिटर्न।

एशिया प्रशांत में सबसे अमीर देशों की लिस्‍ट में भारत का नाम चौथे नंबर पर आता है। तो चलिए जानते हैं कि भारत के कौन-से शहर सबसे ज्‍यादा अमीर हैं और यहां कितने करोड़पति हैं।

हालांकि, भारत के करोडपति की संख्‍या दुनिया के बड़े देशों के मुकाबले ज्‍यादा नहीं है लेकिन इनमें कई ऐसे लोग भी शामिल हैं जिनके पास इतना पैसा है कि वो हर साल करोड़ों रुपए का टैक्‍स देते हैं। प्रति व्‍यक्‍ति आय के मामले में भारत एक पिछड़ा हुआ देश है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में प्रति व्‍यक्‍ति की सालाना आय 2.37 लाख रुपए है।

भारत के करोडपति –

पिछले साल किए गए एक सर्वे में भारत के कुल करोड़पतियों की संख्‍या 1 लाख 98 हज़ार थी लेकिन अब ये संख्‍या बढ़कर 2.64 लाख रुपए तक पहुंच गई है जबकि भारत में कुल अरबपतियों की संख्‍या सिर्फ 95 है। इसका मतलब है कि भारत में वर्तमान में कुल 2.64 लाख करोड़पति और 95 अरबपति रहते हैं।

भारत के सबसे अमीर शहरों की बात की जाए तो इसमें मुंबई का नाम सबसे पहले आता है। इसके बाद दूसरे नंबर पर दिल्‍ली और फिर बेंगलुरु हैं। दिल्‍ली की कुल संपदा 450 अरब डॉलर है जिसमें 23,000 करोड़पति और 18  अरबपति शामिल हैं। इसके अलावा बेंगलुरु में कुल करोड़पतियों की संख्‍या 7,700 है जबकि यहां लोग 8 अरबपति हैं। इसके बाद चौथे नंबर का सबसे अमीर शहर है हैदराबाद जहां करोड़पतियों की संख्‍या 9,000 और 6 अरबपति हैं।

इसके अलावा कोलकाता में 9,600 करोड़पति और 4 अरब‍पति हैं जबकि पुणे में करोड़पतियों की संख्‍या 4,500 है और यहां 5 अरबपति हैं। इसके बाद नंबर आता है चेन्‍नई का जहां 6,600 करोड़पति और 4 अरबपति हैं। गुड़गांव में 4,000 करोड़पति और 2 अरबपति हैं।

भारत के सबसे अमीर शहरों में सूरत, अहमदाबाद, विशाखापट्नम, गोवा, चंडीगढ़, जयपुर और वडोदरा शहर भी काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। देश में कुल संपदा की बात करें तो ये आंकड़ा 6,200 अरब डॉलर के पार है।

ये है भारत के करोडपति – सबसे दुख की बात तो ये है कि भारत में अमीर और अमीर बनता जा रहा है और गरीब और ज्‍यादा गरीब हो रहा है। वहीं सरकार भी अमीरों की तिजोरियां भरने में ही लगी है। गरीबों के लिए तो बस स्‍कीमें और योजनाएं बनती हैं जोकि बहुत जल्‍दी फ्लॉप भी हो जाती हैं। यहां अरबपति लोग तो बैंकों से कर्जा लेकर फ्रॉड करके विदेश में ऐश करते हैं और गरीब किसान कर्ज से परेशान होकर फांसी लगा लेते हैं।

हमेशा से भारत में भेदभाव की स्थिति रही है। यहां लड़का और लड़की के बीच भेदभाव तो किया ही जाता है लेकिन अब तो अमीर और गरीब के बीच भी भेदभाव होने लगा है। कहीं ना कहीं आप भी हमारी बातों से सहमत होंगें कि हमारे देश में गरीबों की कोई वैल्‍यू नहीं है और इस बात को सच होते ही आप कई जगह देख सकते हैं, खासकर कि गांवों की हालत बहुत ज्‍यादा दयनीय है जहां ना तो कोई सुविधा है और ना ही कोई रोज़गार।