विशेष

शीशे सा साफ है इस नदी का पानी, एक बार जाएंगे तो लौटने का मन नहीं होगा

नदी का पानी – भारत में जब भी नदी की बात होती है तो आपके ज़ेहन में भी प्रदूषित हो चुकी गंगा और यमुना नदी का ख्याल आता होगा, जिसका पानी अपना कुदरती पहचान भी खो चुका है और रंगहीन पानी प्रदूषण की वजह से काला या पीला पड़ चुका है, लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि भारत में ही एक नदी ऐसी भी है जिसका पानी शीशे की तरह साफ है.

यहां नदी का पानी इतना साफ है कि नदी के अंदर की चीज़ें साफ दिखाई पड़ती है.

चलिए आपको बताते हैं कि शीशे से साफ नदी का पानी वाली ये नदी आखिर हैं कहां ताकि आप भी एक बार इन नदी की सैर कर सकें.

क्रिस्टर क्लियर पानी पानी ये नदी जिसे भारत की सबसे साफ नहीं कहा जाता है मेघालय की राजधानी शिलॉंग से 95 किलोमीटर दूर डावकी कस्बे के पास बहती है.

इस नदी का नाम है उम्नगोट नदी.

डावकी कस्बे के लोग नदी की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखते हैं . जो इसे पहली बार देखता है उसे अपनी आखों पर विश्वास ही नहीं होता कि इतनी साफ नदी हमारे देश में भी हो सकती है. जरा सा कूड़े का टुकड़ा भी आपको इस नदी में या इसके आसपास नहीं नजर आने वाला. सफाई का अंदाज इससे लग जाता है कि इस पर नाव से चलते हुए ऐसा लगता है कि वो कांच के किसी पारदर्शी टुकड़े पर तैर रही हो.

जो भी यहां पहली बार आता है उसे यही लगता है कि वो किसी और ही संसार में हैं, क्योंकि ऐसी नदी धरती पर होगी, ऐसा उन्हें विश्वास ही नहीं होता और भारत जैसे देश में जहां हमने गंगा और यमुना जैसी नदियों को पूरी रह प्रदूषित कर दिया है.

उम्नगोट नदी के चारों ओर का नजारा बहुत खूबसूरत है . यहां जाने वाले सैलानी हर किसी को यही राय देते हैं कि ज़िंदगी में एक बार उम्नगाट नदी को जरूर जाएं. कुछ लोग इसकी तुलना स्वर्ग से करते हैं. इस नदी से थोड़ी ही दूरी पर बांग्लादेश का बॉर्डर है.

ये नदी बांग्लादेश-भारत के बीच बहती.

इसके नीचे खूबसूरत गोल पत्थरों की पूरी रूप रेखा नजर आती है. उम्नगोट शिलांग के डावकी कस्बे के करीब बहती है, जो बांग्लादेश सीमा पर बसा हुआ है. जो भी लोग यहां इस नदी को देख रहे हैं, वो बताते हैं कि सैकड़ों वर्षों से ये नदी इतनी ही साफ है.

अंग्रेजों ने इस पर एक ब्रिज भी बनवाया है. इस नदी में बड़ी संख्या में मछलियां भी मिलती हैं.

सबसे साफ नदी की तरह ही एशिया का सबसे साफ गांव भी मेघालय में ही है.

ऐसे में भारत के इस छोटे से राज्य से बाकी लोगों को सबक लेना चाहिए, जब ये लोग अपनी नदी और गांव को इतना साफ रख सकते हैं, तो बाकी लोग भी ऐसा कर सकते हैं, बस ज़रूरत है इच्छाशक्ति की. ज़रा सोचिए यदि पूरा भारत मेघालय की नदी और गांव की तरह ही साफ हो जाए तो कितना सुंदर नज़ारा होगा.

Kanchan Singh

Share
Published by
Kanchan Singh

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago