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सत्ता में आने से पहले ही ट्रंप ने दिया इमरान खान को तगड़ा झटका

आईएमएफ

आईएमएफ – पहले से ही कर्ज में डूबे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना इमरान खान के लिए बहुत बड़ी चुनौती है और अब उनकी मुश्किलें और बढ़ने वाली है, क्योंकि कभी पाकिस्तान का खास दोस्त रहे अमेरिका के तेवर बदल चुक हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आईएमएफ यानी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कहा कि वो पाकिस्तान की नई सरकार को कर्ज न दें.

पाकिस्तान का अर्थव्यवस्था शुरू से ही लड़खड़ाई हुई है और वहां की किसी भी सरकार ने ऐसा काम नहीं किया जिससे देश को आर्थिक रुप से फायदा पहुंचें, यही वजह है कि वो आर्थिक मदद के लिए पहले अमेरिका और अब चीन पर निर्भर है. चीन ने उसे काफी कर्ज दे रखा है, लेकिन पाकिस्तान का पुराना दोस्त अमेरिका अब ज्यादा दोस्ती निभाने के मूड में नहीं दिख रहा. उसने आईएमएफ से निवेदन किया है कि वो पाकिस्तान को और कर्ज न दें.

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा कि आईएमएफ जो करेगा उस पर हमारी निगाह है. मीडिया में इस तरह की खबरें आई हैं कि पाकिस्तान आईएमएफ से 12 अरब डॉलर का भारी भरकम पैकेज चाहता है.

हालांकि आईएमएफ ने स्पष्ट किया है कि उसे अभी तक पाकिस्तान से इस तरह का आग्रह नहीं मिला है. नकदी संकट से जूझ रहा पाकिस्तान 1980 से आईएमएफ के 14 वित्तपोषण योजनाओं का फायदा उठा चुका है.

पाकिस्तान पर फिलहाल चीन का 5 अरब डॉलर का कर्ज है. इसमें से ज्यादातर धन का इस्तेमाल 50 अरब डॉलर के सीपीईसी के तहत बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए किया गया है. कुछ साल पहले तक पाकिस्तान से अमेरिका के रिश्ते बहुत दोस्ताना थे, मगर ट्रंप के आने के बाद से उनके रिश्तों में एक तरह स दरार आ गई. इस साल की शुरुआत में अमेरिका ने पाकिस्तान को करारा झटका दिया था.

अमेरिका ने आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने तक पाकिस्तान की सुरक्षा सहायता को रोक दिया है, साथ ही धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन को लेकर अमेरिका ने पाकिस्तान को विशेष निगरानी की सूची में डाल दिया है. अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी तरह की सैनिक मदद भी रोकने का ऐलान किया था. अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि ऐसा पाकिस्तान के अपनी ज़मीन से आतंकवाद को ख़त्म करने में नाकाम रहने की वजह से किया जा रहा है.

पाकिस्तान के पैदा किए आतंकी अब खुद उसके लिए भी सिरदर्द बन चुके हैं, क्योंकि आए दिन पाकिस्तान में भी हमले होते रहते हैं और इन्हीं आतंकियों की वजह से अमेरिका भी पाकिस्तान का दुश्मन बन गया. अब देखना ये है कि पाकिस्तान के भावी प्रधानमंत्री इमरान खान आतंकवाद और कर्ज के दलदल में डूब रहे पाकिस्तान की नाव आखिर कैसे पार लगाते हैं?