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ट्रंप के इस फैसले से पाकिस्तानी सेना को लगा ज़ोर का झटका

ट्रंप प्रशासन

ट्रंप प्रशासन – अमेरिका और पाकिस्तान की बरसों पुरानी दोस्ती धीरे धीरे टूटती नज़र आ रही है और आतंकवाद के खात्मे को लेकर अमेरिका का सख्त रवैया पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ाता जा रहा है.

पिछले कुछ समय से पाकिस्तान के प्रति सख्त रुख अपनाने वाले अमेरिका ने अब पाकिस्तानी सेना अधिकारियों को दी जाने वाली ट्रेनिंग और शैक्षणिक कार्यक्रमों में कटौती शुरू कर दी है.

अमेरिका लंबे अरसे से पाकिस्तानी सेना अधिकारियों को ट्रेनिंग और शैक्षणिक प्रशिक्षण देता आया है, मगर इस बार अमेरिकी प्रशासन ने पाकिस्तान को सैन्य प्रशिक्षण के लिए फंड मुहैया नहीं कराया है.

‘डॉन ऑनलाइन’ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के लिए फंड अमेरिकी सरकार के अंतर्राष्ट्रीय सैन्य शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रम (आईएमईटी) से जारी होता है, लेकिन अगले एकेडमिक इयर के लिए पाकिस्तान को फंड नहीं दिया गया है.

ट्रंप प्रशासन ने इस साल की शुरुआत में साफ कर दिया था कि अफगानिस्तान के मुद्दे पर मतभेदों के चलते वह पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद बंद कर सकता है. दरअसल, पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंधों में जनवरी में उस समय खटास आ गई थी जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस्लामाबाद पर वाशिंगटन से ‘‘धोखा एवं छल’’ करने और आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह देने का आरोप लगाया था. अमेरिकी कांग्रेस ने पाकिस्तान रक्षा सहायता को कम कर 15 करोड़ डालर करने के लिए एक विधेयक भी पास किया था. इससे पहले कर अमेरिका एक अरब की राशि मुहैया करता आया है.

आतंकियों पर लगाम न लगा पाने की वजह से अमेरिका लगातार पाकिस्तान के प्रति सख्त रवैया अपना रहा है.

इसी साल अमेरिका ने पाकिस्तान के सुरक्षा सहयोग को सस्पेंड करने का फैसला किया था. बता दें कि भारत काफी समय से पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया से अलग-थलग करने का प्रयास कर रहा है. भारत की कोशिशों को ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के बाद काफी उम्मीद मिली है, माना जा रहा है कि इसी तरह की कार्रवाई पाकिस्तान से पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करना बंद करेगा.

हालांकि अमेरिकी मदद बंद होने के बाद पाकिस्तान चीन और रूस के सामने मदद के लिए हाथ फैला सकता है और अमेरिका के बाद चीन पाकिस्तान का अच्छा दोस्त बना हुआ है. हो सकता है चीन उसकी मदद कर भी दें, मगर अमेरिका जैसे ताकतवर देश का भारत के साथ और पाकिस्तान के खिलाफ होना भारत के लिए अच्छी बात है.

उम्मीद है ट्रंप प्रशासन के कड़े तेवर से पाकिस्तान आतंकियों को बढ़ावा देना बंद करेगा और भारत की सीमा से घुसपैठ की कोशिशों में शायद कुछ कमी आ जाए.