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क्या आप त्रिपुरा के बारें में ये 7 आश्चर्यजनक फेक्ट्स जानते हैं ?

त्रिपुरा के फेक्ट्स

त्रिपुरा के फेक्ट्स – त्रिपुरा भारत का तीसरा सबसे छोटा और महत्वपूर्ण राज्य है।

यह उत्तर-पूर्वी सीमा पर स्थित है। इसके उत्तर, पश्चिम और दक्षिण में बांग्लादेश है, जबकि पूर्व में असम और मिजोरम हैं। अगरतला त्रिपुरा की राजधानी है। यह राज्य आपको क्षेत्रफल की दृष्टि से भले ही छोटा लगता होगा। लेकिन चुनाव में इस राज्य की जीत के अलग मायने होते हैं। साथ ही इसका इतिहास भी उतना ही आश्चर्यजनक है।

आज हम आपको त्रिपुरा के फेक्ट्स – त्रिपुरा के 7 ऐसे ही आश्चर्यजनक फेक्ट्स के बारे में बताएंगे, जिसके बारे में आपने शायद ही सुना होगा।

त्रिपुरा के फेक्ट्स –

1. त्रिपुरा की राजधानी अगरतला यहां का सबसे बड़ा शहर है, जिसका क्षेत्रफल 10,492 किलोमीटर है। इस राज्य में 8 जिले हैं। यहां की राजभाषा बंगाली, त्रिपुरी भाषा (कोक बोरोक) और अंग्रेजी है।

2. इस राज्य का गठन 21 जनवरी 1972 को किया गया था। ऐसा कहा जाता है कि राजा त्रिपुर जो कि अयाति वंश का राजा था, वह 39 वें राजा बनें और उन्हीं के नाम पर राज्य का नाम त्रिपुरा बड़ा था।

3. एकमत के मुताबिक स्थानीय देवी त्रिपुर सुंदरी के नाम पर भी यहां का नाम त्रिपुरा पड़ा है। यह हिंदू धर्म के 51 शक्तिपीठों में से एक है। इसके अलावा इतिहासकारों का मानना है कि त्रिपुरा के नाम के पीछे भी कई रहस्य हैं।

4. त्रि का अर्थ होता है जल और पुरा का अर्थ होता है निकट। ऐसा माना जाता है कि प्राचीन काल में यह समुंद्र के समुंद्र के निकटतम इतना फैला था कि इसे त्रिपुरा के नाम से बुलाया जाने लगा। त्रिपुरा का उल्लेख महाभारत पुराणों तथा अशोक के शिलालेखों में भी मिलता है।

5. आजादी के बाद भारतीय गणराज्य में विलय के पूर्व यह एक राजशाही था और उदयपुर उसकी राजधानी थी। 18वीं शताब्दी में इसे पुराने अगरतला में लाया गया और 19वीं शताब्दी में इसे नए अगरतला में लाया गया। राजा वीर चंद्र माणिक्य महादूर देववरमा ने अपने राज्य का शासन ब्रिटिश शासन के तर्ज पर चलाया। यह सन् 1939 में गढ़ मुक्ति परिषद द्वारा चलाए गए आंदोलन से भारतीय गणराज्य में शामिल हुआ था।

6. त्रिपुरा का बड़ा पुराना और लंबा इतिहास है। इसकी अपनी अनोखी जनजातियां, संस्कृति और दिलचस्प लोक कथाएं हैं। त्रिपुरा के शासकों को फ उपनाम से पुकारा जाता था, जिसका अर्थ होता है पिता।

7. चौदहवीं शताब्दी में बंगाल शासकों द्वारा त्रिपुरा नरेश की मदद किए जाने का भी उल्लेख मिलता है। त्रिपुरा के शासकों को बार-बार मुगलों के आक्रमण का भी सामना करना पड़ा, जिसमें आक्रमणकारियों को कमोवेश सफलता मिलती रही। कई लड़ाइयों में त्रिपुरा के शासकों ने बंगाल के सुल्तानों को भी हराया। उन्नीसवीं शताब्दी में महाराजा महाराजा वीर चंद्र के सूत्र माणिक्य महादूर के शासनकाल में त्रिपुरा में नए युग का सूत्रपात हुआ।

त्रिपुरा के फेक्ट्स – ये बताई हमने आपको त्रिपुरा के बारे में 7 खास और आश्चर्यजनक बातें। इन्हें जानने के बाद आप भी सोच रहे होंगे कि हमें अपने ही देश के महत्वपूर्ण राज्य त्रिपुरा के बारे में ये जानकारी नहीं थी। लेकिन अब आपको त्रिपुरा के इतिहास से जुड़ी अहम बातें पता चल गई होंगी।