एक दूसरी कहानी के अनुसार एक बार एक प्रसिद्ध मूर्तिकार का एक हाथ राजा ने सिर्फ इसलिए कटवा दिया कि वो कोई और सुंदर इमारत ना बना सके. लेकिन उस कारीगर ने हार नहीं मानी और एक ही रात में एक हाथ से इस शिव मंदिर का निर्माण कर दिया.
जब राज्य के लोगों को पता चला तो उन्हें राज पर बहुत क्रोध आया. उस मूर्तिकार के सम्मान में तब से लोग इस मंदिर में दर्शन हेतु जाते है लेकिन राजा के विरोध के लिए टब से आज तक कोई भी श्रद्धालु इस मंदिर में पूजा नहीं करता .
देखा आपने कितनी अनोखी कहानी है हथिया देवाल की. कभी मौका मिले उत्तराखंड जाने का तो इस मंदिर को भी ज़रूर देखकर आना.