इस मंदिर को देखने तो बहुत से लोग आते है लेकिन यहाँ पूजा कोई नहीं करता है. पूजा ना करने के पीछे भी कई कहानियां सुनाई जाती है.
एक कहानी के अनुसार इस गाँव में एक मूर्तिकार रहता था जो बहुत ही खूबसूरत मूर्तियाँ बनाया करता था. एक बार किसी दुर्घटना में उसका एक हाथ कट गया. हाथ कटने के बाद भी उसने मूर्तियाँ बनाया नहीं छोड़ा. उसे इस हालत में मूर्तियाँ बनाते देख लोग उसका मजाक उड़ाते थे.
खिन्न होकर एक रात उसने गाँव के बाहर चट्टान को काटकर मंदिर बनाना शुरू कर दिया. वो अपने काम में इतना लीं हो गया था कि एक रात में एक हाथ की मदद से उसने पूरा मंदिर बना दिया.
सुबह जब गाँव वालों ने ये शिव मंदिर देखा तो उनके आश्चर्य की कोई सीमा भी नहीं रही. सभी गाँव वालों ने उस एक हाथ वाले मूर्तिकार को ढूंढा. लेकिन वो गाँव छोड़कर चला गया था. जब गाँव वाले उस शिव मंदिर में शिव लिंग की पूजा करने के लिए गए तो देखा कि शिवलिंग का घेरा गलत बना हुआ है. उल्टे घेरे वाले शिवलिंग की पूजा करने से अनिष्ट होता है. तब से इस शिव मंदिर के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु जाते है पर शिवलिंग की कोई पूजा नहीं करता है.