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टेक्नोलॉजी के कुछ ऐसे फैक्ट्स जो आप नहीं जानते

टेक्नोलॉजी के फैक्ट्स

टेक्नोलॉजी के फैक्ट्स – तकनीक का हमारे जीवन में गज़ब का कब्ज़ा हो गया है.

इसके बिना जीवन की कल्पना करना भी बेकार है. आज हम इसके इतने आदी हो चुके हैं कि चाहकर भी छोड़ नहीं सकते. ऐसे में कभी आपने सोचा है कि क्या इनका महत्वा जितना आज है उतना पहले भी था. नहीं, इनका महत्व पहले इतना नहीं था क्योंकि लोग इसके आदी नहीं हुए थे और इनकी पहुँच भी आम लोगों तक नहीं थी.

असल में आज जिस टेक्नोलॉजी का हम सब यूज़ करते हैं उसके कई फैक्ट्स ऐसे हैं जिन्हें हम सच में नहीं जानते. हमें लगता है कि बस ये सब यूँ ही आ गए एक साथ, लेकिन ऐसा नहीं है. इस तकनीक के कई ऐसे फैक्ट्स हैं जो आम लोगों को नहीं पता है.

टेक्नोलॉजी के फैक्ट्स उन्हीं लोगों को पता है, जो सच में इसके ही अंदर घुसे रहते हैं. आम लोग इससे बहुत दूर हैं.

उन्हें तो बस इसके यूज़ करने से मतलब है. आगे और पीछे क्या जुड़ा है उससे किसी को मतलब नहीं.

आज हम आपको कुछ टेक्नोलॉजी के फैक्ट्स बताएंगे जो आप पहले कभी नहीं सुने होंगे.

टेक्नोलॉजी के हैरान कर देने वाले फैक्ट्स shocking technology facts

टेक्नोलॉजी के फैक्ट्स –

१ – कंप्यूटर की बोर्ड

सबसे पहले बात इसकी करते हैं.  आपको शायद यह जानकर हैरानी होगी कि कंप्यूटर के कीबोर्ड में जो अल्फाबेट हैं, जो बटन है उसे सीरियल वाइज इसलिए नहीं लगाया गया, क्योंकि वह चाहते थे आपको स्लो (धीमा) करना. जी हां दोस्तों कीबोर्ड(keyboard) में ऐसे अल्फाबेट बैठाना एक टाइपिस्ट को धीमा करने के लिए बैठाया गया था, ताकि ओ धीमा टाइप कर सके.

टेक्नोलॉजी के हैरान कर देने वाले फैक्ट्स shocking technology facts

 

२ – ईमेल

आपको लगता होगा कि ये तो इन्टरनेट के आने के बाद शुरू हुआ, लेकिन ऐसा नहीं है. उन पुराने दिनों में एक रोटरी फोन हुआ करता था, जिसमें नंबर घुमाकर डायल किया जाता था. 776 करके एक नंबर हुआ करता था, और उसे एक सर्विस से कनेक्ट करते थे, जिसका नाम था ‘माइक्रो नेट'(Micronet), और ‘माइक्रो नेट’ www (World Wide Web) से बहुत पहले ही आ गई थी और उसको भेजने के लिए बहुत ही ज्यादा कनेक्टिविटी का प्रॉब्लम होता था, लेकिन फिर भी ईमेल भेजा जाता था। मैसेज सेंड किया जाते थे.

टेक्नोलॉजी के हैरान कर देने वाले फैक्ट्स shocking technology facts

३ – विकिपीडिया फैक्ट्स

आमतौर पर आपको भी लगता होगा कि इसमें कोई भी कुछ भी जोड़ सकता है. ये आपने भी देखा होगा. कोई भी कुछ भी फैक्ट है उसे चेंज करके उससे जुड़ी कुछ गलत जानकारी ऐड कर देता है, जो कि गलत है. इसको सही करने के लिए कुछ ऑफिशियल यूजर हैं, लेकिन ज्यादातर 2000 वर्ड्स काम करते हैं.

इस तरह से हमारे और आपके सामने जो चीज़ें हैं और दिखती हैं उसका ये मतलब बिलकुल नहीं है की ये अभी बनी है. असल में ये तो पहले भी बन जाती हैं, लेकिन इसका उपयोग ज़्यादातर लोग नहीं करते इसलिए लोग जान नहीं पाते.

आप भी टेक्नोलॉजी के फैक्ट्स को अपने दोस्तों के साथ शेयर करके खुद को स्मार्ट बनाइए. उन्हें ऐसा लगेगा कि आपके जैसा कोई नहीं. आपको कितना ज्ञान है सब बातों का. इन्टरनेट से जुड़ी हर जानकारी आपको मालूम है. आप तो सच में गूगल बाबा जैसे ही हैं. खुद को स्मार्ट साबित करके दोस्तों पर रॉब झाड़ने का समय है ये.