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रामेश्वरम: रावण ने पुरोहित बनकर यज्ञ करवाया और राम को विजयी होने का आशीर्वाद दिया

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रामेश्वरम का इतिहास

रामेश्वरम का इतिहास भी रोचक है, धर्मग्रंथों के अनुसार कहा जाता है कि सीता हरण होने पर श्री राम ने कई तरह से बिना युद्ध के सीता को प्राप्त करने की कोशिश की पर सफल नहीं हो सके. अंत में जब वानर सेना की सहायता से युद्ध करने की ठानी तो भी चुनौती ये थी कि रावण जैसे प्रकांड विद्वान और शक्तिशाली को कैसे हराया जाए. अंततः श्री राम ने शिव की स्थापना की और पूजन और यज्ञ के लिए रावण को पुरोहित बनाया.

रावण ने पुरोहित बनकर यज्ञ करवाया और राम को विजयी होने का आशीर्वाद दिया.

Rameswaram_temple

रामेश्वरम के पास ही गंधमादन पर्वत भी है, इस पर्वत के लिए कहा जाता है कि ये वही पर्वत है जहाँ से हनुमान ने लंका पर छलांग लगाई थी.

जिस तरह काशी को उत्तर भारत में मोक्ष देने वाली नगरी माना जाता है वैसा ही महात्म्य रामेश्वरम का भी है. यहाँ भी बहुत से लोग अपने पूर्वजों का तर्पण करने के लिए आते है.

एक तीर्थ स्थल के साथ साथ रामेश्वरम एक खूबसूरत पर्यटक स्थल भी है. समुद्र की लहरे, मनोरम नज़ारे और अलग तरह के मंदिर इस स्थान का रूप निखारते है.

ये थी कहानी रामेश्वरम की जहाँ राम को विजयी बनाए के लिए रावण ने में पुरोहित का कार्य किया था.

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