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हर 6 घंटे में एक लड़की से रेप, महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट राज्यों को लगाई फटकार

यौन हिंसा

यौन हिंसा – स्कूल, घर, सड़क, ऑफिस और अब शेल्टर होम लड़कियों के लिए कोई जगह महफूज़ नहीं रह गई.

बिहार के मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में हुए लड़कियों के रेप के बाद यूपी के देवरिया में भी शेल्टर होम में लड़कियों के साथ रेप और यौन हिंसा की खबर से लोग हैरान हैं.

इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट भी परेशान है और उसने राज्य सरकार को इसके लिए जबरदस्त फटकार भी लगाई है

हाल ही में बिहार और यूपी के शेल्टर होम में हुए यौन हिंसा के मामले पर आश्चर्य जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देशभर में यह क्या हो रहा है. लेफ्ट, राइट और सेंटर, सब जगह रेप हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) का हवाला देते हुए कहा कि हर छह घंटे में एक लड़की का रेप हो रहा है. देशभर में साल में 38 हजार से ज्यादा रेप हो रहे हैं. देश में सबसे ज्यादा रेप मध्य प्रदेश में हो रहे हैं, दूसरा नंबर यूपी का है. ये आकड़ें वाकई चिंता का विषय है.

मुजफ्फरपुर में बालिका गृह में हुए रेप के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश सरकार को फटकारते हुए कहा, ‘राज्य सरकार 2004 से तमाम शेल्टर होम को पैसा दे रही है, लेकिन उनको पता ही नहीं है कि वहां क्या हो रहा है. उन्होंने कभी वहां निरीक्षण करने की भी जरूरत नहीं समझी. ‘  साथ ही कोर्ट ने कहा कि मुजफ्फरपुर वाला एनजीओ अकेला नहीं है, जहां इस तरह के आरोप सामने आए हैं.

कोर्ट की बात बिल्कुल सही है. दरअसल, एनजीओ और बालिका सुधार गृह को सरकार सिर्फ पैसे देती रहती है, कभी ये जांचती ही नहीं कि वहां काम क्या हो रहा है, इसलिए अपराधी ऐसी जगहों पर आसानी से अपराध को अंजाम देते रहते हैं.

कोर्ट ने जांच में देरी के लिए भी सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि इतनी बड़ी वारदात के बाद भी जांच में देरी हुई और अभी तक पीड़ितों को राज्य सरकार की ओर से मुआवजा भी नहीं मिला है. भले ही रेप की वारदातों पर सुप्रीम कोर्ट बहुत सख्त रुख अख्तियार कर रहा है और वो चिंतित है, मगर सरकार को इन सबसे कुछ खास मतलब नहीं होता. तभी तो राजनीतिक संरक्षण में चल रही संस्थाओं में ही ऐसे घृणित काम आसानी से होते रहते हैं.

कम से कम सुप्रीम कोर्ट की डांट के बाद अब तक यौन हिंसा की दिशा में थोड़े कठोर कदम उठाने चाहिए और महिलाओं की सुरक्षा के लिए एनजीओ को सिर्फ फंड ही न दें, बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी उसकी जांच करे और उस पर लगातार निगरानी रखे.