राजनीति

दुनिया का सबसे अमीर देश पड़ गया था बिल्कुल अकेला, फरिश्ता बनकर आईं गायें

कतर देश के लिए खाड़ी देशों से दुश्मनी भी तरक्की लेकर आई.

इस दुश्मनी के दौरान कतर देश ने खुद को हर तरह से मजबूत कर लिया था. दुनिया के इस सबसे अमीर देश में एक डेयरी तक नहीं थी. सऊदी ने विवाद के चलते सप्लाई बंद की तो यहाँ गायों के एयरकंडीशंड बाडे खुल गए, जहा दूध निकालने के लिए मशीने लगी हुई हैं. ये तस्वीर कतर के ही बलाडना फार्म की है, जहा इस वक्त 10 हजार गाये रहती हैं. इसमें से ज्यादातर अमेरिका के कैलिफोर्निया, अरिजोना और विस्कॉनसिन से लाई गई हैं.

कतर के अरब पड़ोसी देशो ने खाड़ी संकट शुरू होने के बाद कतर में सामान पहुंचाने पर नाकाबंदी शुरू कर दी थी. कतर में दूध की सप्लाई का एक मात्र रास्ता सऊदी था जिसे भी रोक दिया गया.

हालांकि कुछ समय बाद ही कतर इन हालातों से बहार उभर आया. इस संकट के महीने भर बाद कतर एयरवेज की फ्लाइट के जरिए गायों की पहली खेप यहां पर लाई गई.

बलडाना फार्म के मैनेजर पीटरवेल्टेव्रेडेन ने बताया कि सब ने कहा था कि ये सब कर पाना नामुमकिन है लेकिन हमने इसे मुमकिन कर दिखाया. हम वादे के मुताबिक, कतर संकट शुरु होने के एक साल के अंदर ताजे दूध के मामले में आत्मनिर्भर हो गए.

आपको बता दे कि पिछले साल जून में ही कतर से सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मिस्र ने सभी कूटनीतिक, व्यापारिक और ट्रांसपोर्ट लिंक तोड़ लिए थे. इन्होंने कतर पर उग्रवाद के समर्थन, क्षेत्रीय अस्थिरता फैलाना और अरब देशों के कट्टर दुश्मन ईरान के साथ नजदीकी संबंध बढ़ाने का आरोप लगाया गया था. हालांकि, तमाम पाबंदियों और नाकाबंदियो के बाद कतर ने झुकने से इनकार कर दिया. कतर देश ने इसे संप्रभुता को दी गई चुनौती के तौर पर देखा और इससे बाहर निकलने में लग गया.

बनाया नया बंदरगाह

सिर्फ ये ही नहीं कतर देश ने आर्थिक नाकेबंदी से उबरने के लिए कई और रास्ते भी निकाले। उसने कई अरब डॉलर की लागत से एक बंदरगाह तैयार किया । ताकि इसके जरिए 2022 के फुटबॉल वर्ल्डकप के लिए स्टेडियम तैयार किए जा सकें और बिल्डिंग मैटिरियल मंगाया जा सके।

दुश्मन देश से बड़ी नजदीकी

इस अरब देशो ने जो इल्जाम कतर पल लगाया था आगे जा के वह हकीकत में हो गया. कतर और ईरान दोनों देशों के बीच काफी हद तक नजदीकियां बढ़ी. दोनों देशों की समुद्री सीमा लगती है. वही कतर के प्लेन भी ईरान के ही एयरस्पेस से होकर गुजरते हैं. कतर के फॉरेन मिनिस्टर के मुताबिक, ईरान हमारा पड़ोसी है, उसके साथ सहयोग और संवाद रखना ही है.

लोगो की माने तो इस नाकाबंदी और अरब देशों से दुश्मनी के चलते कतर देश में देशभक्ति की खुमारी चढ़ गई है. इस रईस देश के गुरबत के दिनों में समुद्र से मोतियो निकालने वाले साद अलजासिम का कहना है कि कतर को अपनी बात पर कायम रहना चाहिए, हम पहले से बेहतर हाला में हैं. जो सामान हमें पहले दूसरे देशों से खरीदना पड रहा था, वो भी अब हम खुद अपने देश में बना रहे हैं.

Shivam Rohatgi

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