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अपने इन 7 सपनों को पूरा करने से पहले ही मर गया रावण

रावण के सपने

रावण के सपने – सपने तो सभी देखते हैं और देखना भी चाहिए सपने देखेंगे तभी तो हम उसे पूरा करने की कोशिश में ज़िंदगी में आगे बढ़ेंगे, लेकिन हर सपना अच्छा हो ये ज़रूरी है.

कुछ ऐसा ही रावण के साथ भी था. बुराई का प्रतीक महाशक्तिशाली रावण ने भी कुछ सपने देखे थे, मगर ये सपने पूरे करने के पहले ही रावण की मृत्यु हो गई.

रावण के सपने –

१ – काले लोग गोरे हो जाएं

रावण खुद काला था इसलिए वो चाहता था कि मानव प्रजाति में जितने भी लोगों का रंग काला है वे गोरे हो जाएं, ताकि कोई भी महिला उनका अपमान न कर सके.

२ – बाली को हराने का सपना

रावण ने कई युद्ध जीते लेकिन कई बार हारा भी था. बाली ने रावण को पराजित किया था और वह उसे अपने बाजू में दबाकर समुद्रों की परिक्रमा भी किया करता था. रावण दुर्भाग्य ने यही उसकी पीछा नहीं छोड़ा. पराजय के बाद उसे बच्चों ने पकड़कर अस्तबल में घोड़ों के साथ बांध भी दिया था. बाली को जीतने का सपना अधूरा ही रह गया.

३ – सोने को खुशबुदार बनाना

रावण चाहता था कि सोने में सुगंध होनी चाहिए. रावण दुनियाभर के सोने पर खुद कब्जा जमाना चाहता था. सोना खोजने में कोई मुश्किल न आए, इसलिए वो उसमें सुगंध डालना चाहता था.

४ – खून का रंग बदलना

रावण की एक इच्छा खून का रंग बदलने की थी. वह चाहता था कि खून का रंग लाल की बजाय सफेद हो जाए. उसने युद्ध में अनेक निर्दोष लोगों का खून बहाया था. इससे धरती खून से लाल हो गई थी. वह चाहता था कि खून सफेद हो जाए ताकी वह पानी के साथ मिलकर उसके अत्याचारों को छुपा दे.

५ – स्वर्ग की सीढ़ी बनाना

रावण पूरी प्रकृति पर कब्जा जमाना चाहता था. उसकी एक इच्छा स्वर्ग तक सीढ़ियां लगाने की थी. दरअसल, वह चाहता था कि लोग भगवान को पूजने और अच्छे करने के बजाय उसकी अराधना शुरू करें, ताकि उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति हो सके.

६ – शराब से दुर्गंध दूर करना

रावण को शराब बहुत पंसद थी. उसका सपना था कि वह शराब की गंध मिटा दें. वह उस जमाने के विज्ञान और तकनीक का जानकार था, लेकिन उसका यह सपना कभी पूरा नहीं हो पाया.

७ – समुद्र के पानी को मीठा करना

रावण समुद्र का पानी मीठा करना चाहता था. इसके अलावा उसका सपना था कि लोग दुनिया से भगवान की अराधना बंद कर दें और सिर्फ उसी की पूजा करें.

रावण के सपने – रावण के इसी अहंकार और बुरे गुणों की वजह से महाज्ञानी होने के बाद भी उसका अंत हो गया और हमेशा उसे बुराई के प्रतीक के रूप में जाना जाता है.