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37 साल बाद रक्षाबंधन पर बन रहा है खास योग, जानिए त्योहार से जुड़ी खास बातें

रक्षाबंधन का त्यौहार

रक्षाबंधन का त्यौहार – भारत त्योहारों का देश हैं.

यहां हर महीने कोई न कोई त्योहार होता ही रहता है और लोग बड़े उत्साह से सभी त्योहार मनाते हैं. एक ऐसा ही त्योहार है रक्षाबंधन का त्यौहार, जिसका इंतज़ार बहने पूरे साल करती हैं. भाई-बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन इस बार रविवार 26 अगस्त को मनाया जाएगा और इस बार रक्षाबंधन में खास योग बन रहा है.

रक्षाबंधन का त्यौहार हर साल भद्रा काल लग जाता है, मगर इस बार ऐसा नहीं है.

सावन पूर्णिमा 25 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 16 मिनट पर शुरु होगी और 26 अगस्त की शाम 5 बजकर 25 मिनट पर खत्म होगी तो इसलिए इस बार रक्षाबंधन का त्यौहार सावन के महीने में ही मनाया जाएगा और 37 साल बाद रक्षाबंधन पर ऐसा योग बना है. इसलिए अगर आपने शुभ मुहूर्त में राखी बांधी तो उन भाई-बहन का रिश्ता और मज़बूत बनेगा.

आपको बता दें कि भद्रा काल में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है, हर साल रक्षाबंधन पर भद्रा काल लगने से राखी बांधने का शुभ मुहुर्त बहुत कम देर का होता था, मगर इस बार ऐसा नहीं है. बहने पूरा दिन भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं. इसके अलावा इस बार रक्षाबंधन पर धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा, इसके अलावा सावन के महीने में राखी बांधने का शुभ मुहुर्त 37 सालों के बाद आया है जो अपने आप में खास मौका है.

शास्त्रों के अनुसार हर शुभ काम करने से पहले शुभ मुहुर्त को निर्धारित किया जाता है और व्यक्ति को उसी के अनुसार शुभ काम करने चाहिए. ऐसा करने से भाई-बहन के बीच प्यार और अपनापन बना रहता है.

हर साल रक्षाबंधन पर राखी बांधने के शुभ मुहूर्त को तलाशा जाता था लेकिन इस बार सावन के महीने में रक्षाबंधन होने की वजह से इसका शुभ मुहुर्त 26 अगस्त की सुबह 5.59 से लेकर दोपहर 3.37 बजे तक रहेगा. इसी शुभ मुहुर्त पर अगर आप अपने भाई की कलाई पर राखी बांधेंगी तो ये आप दोनों के लिए बहुत शुभ होगा.

ऐसा माना जाता है कि अगर आप अशुभ समय पर राखी को बांधते हैं तो इसके अशुभ परिणाम हो सकते हैं.

इस बार अशुभ काल का समय होगा राहुकाल- शाम 4:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक या यम घंटा दोपहर 3.38 से 5.13 बजे तक. इस समय राखी नहीं बांधनी चाहिए. भद्राकाल सूर्य उदय होने से पहले ही समाप्त हो जाएगा और ऐसा 37 सालों के बाद होने जा रहा है.

रक्षाबंधन का त्यौहार हमारे देश में सदियों से मनाया जा रहा है और हर साल इस त्योहार की रौनक बढ़ती ही जाती है.