भारत

कैसे यूपी के महाठग ने डूबा दिए लोगो के 20 करोड़ रूपये?

राजेश मौर्या – मामला उत्तरप्रदेश के बरेली का है|

गंगा इंफ्रासिटी कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश मौर्या ने जल्द अमीर बनने के लिए बिट क्वाइन की तर्ज पर गैरकानूनी तरीके से एनबीडब्ल्यूटीसी क्वाइन लांच किया  था| इसका नोएडा में ऑफिस ओपन किया था, जिसका हेड मेरठ के आदित्य को बनाया गया था| इसमें उसने निवेशकों के करीब 20 करोड़ रुपए डुबा दिए हैं, जबकि वह पुलिस से कह रहा है कि उसने जिन लोगों को फ्रेंचाइजी दी, उन्होंने उसकी रकम मार ली| कम समय में ज्यादा पैसा मिलने की बात कह कर ठगी का ये क़ारोबार चलाया जा रहा था|  पर पुलिस इस केस में रियल स्टेट, एनबीडब्ल्यू क्वाइन और लोन के तीन अलग-अलग मामलों की एफआईआर दर्ज कर जांच कर रही है| पुलिस ने संडे को उसकी निशानदेही पर कुशीनगर से अहम दस्तावेज जब्त किए हैं| इसके अलावा चित्रगुप्त पुरम ऑफिस से भी निवेशकों के इनवेस्टमेंट से जुड़ी 711 रसीदें बरामद की हैं|

राजेश मौर्या ने एनडब्ल्यूटीसी क्वाइन की कीमत 10 पैसा रखी थी| उसके बाद 20 पैसा, 50 पैसा और डेढ़ रुपए तक दाम बढ़ाए गए| इसमें पैसा लगाने के लिए बाकायदा एक एप भी लांच किया गया| जिसके तहत क्वाइन में इनवेस्ट करने पर डेढ़ वर्ष में 15 गुना तक रकम मिलने का लालच दिया गया| इसमें उसने शर्त रखी थी कि एक लाख रुपए से कम रुपए के क्वाइन नहीं मिलेंगे| उसके बाद किसी को रुपए नहीं दिए बल्कि फर्जी रसीदें थमा दीं| इस मामले में भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. अब पुलिस इस ठगी से जुड़े लोगों के प्रार्थना पत्र शामिल कर रिकार्ड इकट्ठा कर रही है|

पुलिस की टीम ने कुशीनगर में राजेश के घर से एक बैग जब्त किया है| इस बैग में 5 रजिस्टर हैं, जिनमें कंपनी का बही खाता लिखा हुआ है| राजेश ने यह बैग बरेली से भागने के बाद अपने घर में छिपा दिया था| जब पुलिस यहां पहुंची तो घर में राजेश की मां व अन्य रिश्तेदार ही मिले|

पुलिस ने उसकी निशानदेही पर बरेली स्थित हेड ऑफिस से दो अलमारियों से दस्तावेज जब्त किए हैं| यहां से पुलिस को 711 रसीदें मिली हैं, जिसमें कई डबल व ट्रिपल भी हैं. इनमें 431 कैश और 280 चेक से इन्वेस्टमेंट की रसीदें हैं| इसके अलावा उसने कई लोगों को एग्रीमेंट किए हैं, जिससे निवेशकों की संख्या कहीं अधिक हो सकती है| इस ऑफिस से बैलेंस सीट और आईटीआर के भी रिकार्ड मिले हैं|

पुलिस के पास अब तक इनवेस्टर्स के करीब 150 प्रार्थना पत्र सामने आ चुके हैं| पुलिस ने संडे को एफआईआर दर्ज करने वाले 13 निवेशकों को बुलाकर उनके बयान रिकार्ड किए और उनसे इन्वेस्मेंट के रिकार्ड भी लिए|

पुलिस पूछताछ में राजेश मौर्या ने बताया कि उसने कुछ दिनों पहले कंपनी की मीटिंग की थी| उसने कहा था कि कंपनी को कुछ घाटा हुआ है| सभी ऑफिस हेड लोग अपने-अपने ऑफिस से दो-दो लाख रुपए जमा करा दें ताकि इन्वेस्टर्स का पैसा समय पर दे दिया जाए लेकिन किसी ने रुपए जमा नहीं किए| राजेश मौर्या कंपनी में मंथली, ईयरली व अन्य तरह से इनवेस्टमेंट के प्लान चला रहा था. उसकी मानें तो उसने 18 जून तक का सभी को पेमेंट भी कर दिया था| 18 जुलाई को भी पेमेंट करना था लेकिन उससे पहले भी मामला गड़बड़ा गया| पुलिस अब अपने सीए से बैलेंससीट और आईटीआर चेक कराएगी|

300 करोड़ के मालिक राजेश मौर्या से पुलिस अभी तक दो लाख रुपए तक भी बरामद नहीं कर सकी है| जब पुलिस ने उसे पकड़ा था तो उसके पास से 1 लाख 37 हजार रुपए बरामद किए थे| रविवार को पुलिस ने उसके ऑफिस की अलमारियों से 52,550 बरामद किए हैं|

 

Sagar Shri Gupta

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