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दुनिया का सबसे ताकतवर नेता पुतिन भी डरते हैं इस शख्स से

रमजान कादिरोव

रमजान कादिरोव  –  रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन की गिनती दुनिया के सबसे ताकतवर नेताओं में होती है, मगर ये सबसे पावरफुल नेता भी एक शख्स से डरता है, मगर क्यों?

आखिर पुतिन को किस बात का डर है और किस इंसान से है ये डर चलिए जानते हैं.

इससे पहले की हम आपको उस शख्स का नाम बताएं जिससे पुतिन डरते हैं, पहले आपको एक वाकया बताते हैं जो फरवरी 2015 का है.

रूस की विपक्षी पार्टी के नेता बोरिस नेम्त्सोव अपनी मॉडल गर्लफ्रेंड के साथ मॉस्को के रेड स्क्वायर के पास डिनर डेट पर थे. बोरिस पुतिने के पुराने विरोधी हैं उनकी उम्र 55 साल की थी, मगर उनकी गर्लफ्रेंड की उम्र हमेशा 23-24 की ही रहीं. डिनर के बाद बोरिस अपनी गर्लफ्रेंड के साथ टहल रहे थे, तभी एक कार तेज़ी से आई. उसमें से एक आदमी उतरा और बोरिस की पीछ पर चार गोलियां दाग दी. इसके बाद वो वहां से चुपचाप निकल गया.

रमजान कादिरोव

इस केस में पुलिस न जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया उसमें से एक था रमज़ान कादिरोव, जो चेचेन्या का प्रधानमंत्री है. रमजान की गिरफ्तारी के बाद चर्चा होने लगी कि पुतिन के कहने पर ही रमजान ने बोरिस का मारा था. इस चर्चा के बाद पुतिन दबाव में आ गएं.

कौन है ये रमजान कादिरोव ?

39 साल का ये आदमी रमजान रशियन रिपब्लिक ऑफ़ चेचेन्या का नेता है. अपने आप को पुतिन का सबसे बड़ा भक्त बताता है. पुतिन के ही तिकड़म इस्तेमाल कर के वो चेचेन्या में बना हुआ है. ‘दुनिया के किसी भी नियम को दिल से तोड़ने’ की पुतिन की अदा का वो कायल है. वो चेचेन्या को रूस से आज़ाद करने की राह में है.

रमजान कादिरोव

चेचेन्या क्या है?

रूस के साउथ बॉर्डर पर एक छोटी सी जगह है चेचेन्या. हमारे मिजोरम से थोड़ी छोटी. 19वीं सदी में उस समय के सोवियत यूनियन ने इसे जीत लिया था. उसके बाद से ये रूस के लिए समस्या बना हुआ है. चेचेन लोग हर वक़्त रूस से झगड़ते रहते थे आज़ाद होने के लिए. 1991 में जब सोवियत यूनियन टूट गया तब चेचेन्या ने खुद को आज़ाद घोषित कर दिया. पर रूस को ये गवारा नहीं था.

फिर शुरू हुआ आतंकवाद. इससे निपटने के लिए रूस ने वही खेल खेला जो हर देश में खेला जाता है. पैसे और पावर का लालच दिखा के विद्रोहियों को तोड़ दिया गया. अखमद कादिरोव अपने साथी विद्रोहियों को छोड़ के रूस के साथ आ गया. पर 2004 में वो अपने पुराने साथियों के हाथों मारा गया. फिर उसका बेटा रमजान कादिरोव वहां का प्रधानमंत्री बना. अब वो पुतिन का आदमी था चेचेन्या में.

जहां पर हमेशा रूस से अलग होने के नारे लगाए जाते थे, वहां रमजान ने रूस की सत्ता फैला दी. रूस की चिंता अब कम हो गई थी. फिर चेचेन्या को भी फायदा होने लगा था. वहां का 80% बजट रूस से फाइनेंस होता है. बड़ी-बड़ी बिल्डिंगें आ गईं. चमकते मॉल. रमजान भी एक धनी आदमी बन गया.

कयास लगाए जा रहे थे कि पुतिन रमजान कादिरोव के खिलाफ कोई एक्शन जरूर लेंगे. पर पुतिन चुप रहे. कहीं-न-कहीं ये डर था कि फिर रमजान कादिरोव चेचेन्या में चरस बो देगा. चेचेन्या में पुतिन कोई लड़ाई नहीं करना चाहते. सूत्रों के मुताबिक, रमजान कादिरोव अपने यार-दोस्तों के लिए भी पैसे मांगने लगा है, मगर पुतिन उसके खिलाफ कुछ नहीं कर रहें.

पुतिन ने रमजान कादिरोव को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया, मगर अब वो शायद पुतिन के कई राज़ का राज़दार बन चुका है और चेचेन्या में शांति भी उसकी वजह से ही बनी हुई है, शायद इसलिए पुतिन रमजान से डरते हैं.