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इन 7 जगहों पर श्राद्ध करने से मिलता है सबसे ज्यादा पुण्य !

श्राद्ध करने का पुण्य

श्राद्ध करने का पुण्य – भारत देश को कई संस्‍कृति, परंपरा और मान्‍यताओं का अद्भुत संगम कहा जाता है।

इस देश में सबसे ज्‍यादा‍ हिंदू धर्म के लोग रहते हैं और इसलिए उनके त्‍योहारों में सभी बढ़-चढ़कर हिस्‍सा लेते हैं। 24 सितंबर से श्राद्ध पक्ष आरंभ हो चुका है। श्राद्ध 16 दिनों के होते हैं और इनकी समाप्‍ति 8 अक्‍टूबर को होगी।

मान्‍यता के अनुसार पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध करने का पुण्य मिलता है और आज हम आपको ऐसे कुछ विशेष तीर्थस्‍थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर श्राद्ध करने से सभी तरह के पापों से मुक्‍ति मिल जाती है और पितरों की आत्‍मा को भी शांति मिलती है।

श्राद्ध करने का पुण्य –

१ – गया

तर्पण के स्‍थलों में सबसे पहले गया का नाम आता है। बिहार का गया शहर पिंडदान के लिए मशहूर है। ऐसी मान्‍यता है कि जिसने गया में श्राद्ध कर दिया उसे हर साल अपने पूर्वजों का पिंडदान नहीं करना पड़ता है। गया में किया गया श्राद्ध सर्वोपरि होता है। रामायण और महाभारत में भी इस स्‍थान के महत्‍व का वर्णन किया गया है।

२ – वाराणसी

वाराणसी को काशी और बनारस के नाम से भी जाना जाता है। ये भगवान शिव की बहुत पवित्र नगरी है। दूर-दूर से लोग आकर यहां पर अपने पूर्वजों का पिंडदान करते हैं। बनारस के घाटों पर अस्थि विसर्जन और श्राद्ध आदि कर्म कांड किए जाते हैं।

श्राद्ध करने का पुण्य

३ – बद्रीनाथ

चारों धामों में से एक बद्रीनाथ भी श्राद्ध कर्म के लिए महत्‍वपूर्ण माना जाता है। बद्रीनाथ में स्थित ब्रह्म कपाल घाट पर सबसे ज्‍यादा संख्‍या में पिंडदान किया जाता है। यहां से निकलने वाली अलकनंदा नदी पर पिंडदान किया जाता है।

श्राद्ध करने का पुण्य

४ – इलाहाबाद

देश के प्रमुख धार्मिक स्‍थलों में इलाहाबाद का नाम भी शामिल है। इलाहाबाद शहर में गंगा, यमुना का संगम होता है। भाद्रपद की शुक्‍ल पक्ष की अनंत चतुर्दशी को इस जगह पितृ पक्ष मेला भी लगता है। यहां पर आकर पिंडदान करने का अलग ही महत्‍व है।

श्राद्ध करने का पुण्य

५ – कुरुक्षेत्र

हिंदू मान्‍यताओं के अनुसार हरियाणा का कुरुक्षेत्र भी श्राद्ध कर्म के लिए पवित्र स्‍थल है। यहां पर भी पिंड दान करने दूर-दूर से लोग आते हैं।

श्राद्ध करने का पुण्य

६ – मथुरा

भगवान कृष्‍ण ने मथुरा की धरती पर जन्‍म लिया था। मथुरा शहर में भगवान कृष्‍ण के अनेक धार्मिक स्‍थल मौजूद हैं। यहां पर वायुतीर्थ पर पिंडदान किया जाता है। मथुरा में तर्पण कर लोग अपने पूर्वजों को प्रसन्‍न करते हैं।

श्राद्ध करने का पुण्य

७ – जगन्‍नाथ पुरी

कहते हैं कि चार धाम की यात्रा से पुण्‍य की प्राप्‍ति होती है और जगन्‍नाथ पुरी चार धाम में से एक है। जगन्‍नाथ पुरी की रथ यात्रा भी बहुत मशहूर है। यहां पर पितरों का पिंडदान करने का भी बहुत महत्‍व होता है। अपने पितरों की आत्‍मा की शांति के लिए आप भी उड़ीसा के पुरी शहर में पिंडदान कर सकते हैं।

श्राद्ध करने का पुण्य

इस तरह से श्राद्ध करने का पुण्य मिलता है. शास्‍त्रों में पितरों की शांति के लिए पिंडदान का बहुत महत्‍व माना गया है। मान्‍यता है कि पितृ पक्ष के दौरान यमलोक के राजा यमराज सभी आत्‍माओं को धरती लोक पर अपने वंशजों से मिलने भेजते हैं। इस दौरान तर्पण कर आप अपने पितरों को प्रसन्‍न कर सकते हैं। उपरोक्‍त बताए गए धार्मिक स्‍थलों पर तर्पण कर आप अत्‍यधिक पुण्‍य की प्राप्‍ति कर सकते हैं।