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चाचा चौधरी और चंपक के जरिए हिन्दी सिखा कमाती है लाखों

पल्लवी सिंह

पल्लवी सिंह – आज जहां हर गली चौराहे और मुहल्ले तक में आपकों अग्रेजी सिखने-सिखाने के बोर्ड मिलेंगे, वहां अगर आपकों हिन्दी सिखने की बोर्ड दिखे तो हैरानी तो होगी।

ये कोई मजाक नहीं, बल्कि भारत की पल्लवी सिंह की सफलता का राज है। जी हां भारत की 26 साल की पल्लवी सिंह ने लोगों के बहुत रोकने-टोकने के बावजूद खुद पर भरोसा करते हुए भारत में हिन्दी का कोचिंग सेंटर खोला और आज वो उसी कोंचिग सेंटर से ना सिर्फ लाखों कमा रही है, बल्कि अपने काम के चलते लोगों के बीच मिसाल भी बन चुकी है।

हिन्दी पढ़ाने का कॉमिक राज

दिल्ली की रहने वाली पल्लवी सिंह के हिन्दी पढ़ाने का सबसे अनौखा राज है उनके पढ़ाने का कॉमिक तरीका, जिसके लिए वह चाचा चौधरी, पिंकी, चंपक, नदंन और प्रेमचंद की कहानियों का सहारा लेती है। ये कॉमिक्स उनकी सफलता की अहम् पूंजी है। करीब पांच साल पहले उन्होंने हिंदी सिखाने का काम शुरू किया था और आज वो एक सेलिब्रिटी टीचर बन चुकी है। आज देश-विदेश के लोग उन्हें बतौर हिन्दी की अध्यापिका के तौर पर जानते और पहचानते है।

पल्लवी सिंह

बेहद अनौखा है पल्लवी सिंह का पढ़ाने का तरीका

पल्लवी सिंह का हिन्दी सिखाने का स्टाइल बाकी सिखाने के तरीकों से बिल्कुल हटकर है। वो अपने विद्यार्थियों के घर जाकर या फिर किसी कैफे में बैठकर कॉफी की चुस्कियां लगाते हुए उन्हें हास्यपद तरीके से पढ़ाती है। उनके स्टूडेंस का भी कहना है कि वे काफी मजेदार तरीके से किस्से, कहानियों और चुटकलों के जरिए हिन्दी सिखाती है, जिसमें उन्हें भी बेहद मजा आता है।

पल्लवी सिंह

अपने पढ़ाने के ढंग को लेकर पल्लवी का कहना कि है “मैं अपनी क्लासेस में हास्य इस्तेमाल करती हूं ताकि मैं विद्यार्थियों को पढ़ने और सिखने में मजा आए। इसके लिए मैं कॉमिक चाचा चौधरी, पिंकी और चपंक पढ़ने को देती हूं”। पल्लवी का यह भी कहना है वह ऐसा इसलिए करती है चूंकि इन कॉमिक और कहानियों की किताबों में काफी सरल हिन्दी का इस्तेमाल किया जाता है और साथ ही उनके साथ बने हुए चित्र क्या कह रहे है ये भी समझने में आसानी होती है। जोकि हिन्दी सिखाने और सिखने दोनों में काफी सरल और मजेदार होते है।

पल्लवी सिंह

बॉलिवुड से मल्टीनेशनल कपंनियों तक है पल्लवी सिंह के स्टूडेंस का खाचा

पल्लवी के विद्यार्थियों की जहां एक ओर उम्र का दायरा नहीं है, तो वही दूसरी ओर उनके विद्यार्थियों का कोई गली दायरा भी नहीं है। उन्होंने देश-विदेश से आये पर्यटकों को भारत में खरीदारी करने के लिए भी हिन्दी सिखाई है। अब तक वह अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अफ्रीका, जापान समेत कई देशों के पर्यटकों को हिन्दी सिखा चुकी है।

पल्लवी की इस स्टूडेंट लिस्ट में बॉलिवुड की जैकलीन फर्नांडिस, लिसा रे, नटालिया डि लुसिओ, लुसिंडा निकोलस समेत जाने-माने लेखक विलियम डेलरिम्पल का नाम भी शुमार है।

पल्लवी सिंह को अपने इस सफर में कई परेशानियों का सामना करना पड़ा, किसी ने उन्हें पागल कहा… तो किसी ने कहा समय खराब कर रही है। लेकिन कहते है ना… “कि लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों… कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती… आज पल्लवी लोगों के लिए इस कहावत का चरितार्थ उदाहरण है।