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बाढ़ में बही त्योहार की खुशियां, केरल में नहीं मनाया जाएगा ओणम

ओणम उत्सव

ओणम उत्सव – केरल का सबसे बड़ा ओणम उत्सव शुरू हो चुका है, मगर इस बार केरल का माहौल ऐसा नहीं कि वहां त्योहार की खुशियां मनाई जा सके.

दरअसल, भारी बारिश और बाढ़ से राज्य में तबाही मची हुई है जिसके चलते सरकार ने ओणम का त्योहार नहीं मनाने का फैसला किया है.

केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने मंगलवार को ही केरल में ओणम उत्सव को रद्द करने की घोषणा कर दी. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने तो राज्य में सांस्कृतिक समारोह के लिए दिए जाने वाले पैसों को मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में देने का फैसला किया है जिससे बाढ़ प्रभावितों की मदद की जा सके. केरल में अब भी भारी बारिश हो रही है जिसकी वजह से 8 दिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही कोच्चि एयरपोर्ट के आसपास पानी भरने से एयरपोर्ट 18 अगस्त तक बंद कर दिया गया है. राज्य के 39 बांधों में से 33 बांधों में पानी का स्तर खतरे के निशान से ऊपर है. सभी के गेट खोल दिए गए हैं.

आपको बता दें ओणम उत्सव एक सप्ताह तक चलता है लेकिन इस बार ये त्यौहार 15 अगस्त से शुरू हो रहा है और 27 अगस्त तक चलेगा. ओणम उत्सव राज्यभर में मनाया जाता है, मगर इस बार केरल के 444 गांव से प्रभावित हुए हैं जिसे देखते हुए त्योहार नहीं मनाया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने 30 करोड़ रुपये की राशि को मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में देने का फैसला लिया है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ओणम उत्सव का रद्द होना बहुत बड़ी बात है, क्योंकि ये राज्य का सबसे बड़ा फेस्टिवल है.

इस त्योहार को नई फसल की आने की ख़ुशी में मनाया जाता है. ओणम के त्यौहार में घरों के बाहर रांगोली बनाई जाती है और साथ दीप जलाए जाते हैं. लोग खूब सारे और अच्छे पकवान बनाते हैं. ओणम के दिन मलयाली समाज एक-दूजे के गले लगते हैं और सभी खुशियां मनाते हैं. यह त्यौहार सभी के दिलों में भाईचारे का संदेश भरता है. यह मलयाली और केरला के लोगों का सबसे ख़ास त्यौहार होता है.

इस बार तो बारिश ने केरल के लोगों को ओणम उत्सव की खुशियां मनाने से महरूम कर दिया उम्मीद है अगले साल वो दोगुनी खुशी के साथ ओणम उत्सव मनाएंगे.