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कब्र में हैं पैर फिर भी किया ऐसा काम की लोग हैं हैरान

छोटी उम्र की लड़की के साथ शादी

छोटी उम्र की लड़की के साथ शादी – अब तक आपने प्यार की अजब गजब कहानी सुनी होगी. कभी आपके दादा जी तो कभी पापा ने सुनाई होगी.

आजकल तो ऐसे विषयों पर फ़िल्में भी बनती हैं. फ़िल्में बनती हैं, क्योंकि हारे समाज में ऐसा होता है. जी उम्र में लोग भगवान का नाम लेकर अपने पूरे जीवन के बारे में चर्चा करते हैं.

लोग सोचते हैं कि मरने के बाद सुख से आत्मा को मोक्ष मिल सके, उस उम्र में एक आदमी ने कुछ ऐसा कर दिया है कि लोग हैरान हैं.

असल में इस आदमी की उम्र इस पड़ाव पर पहुँच गई है कि कभी भी वो ईश्वर को प्यारा हो सकता है.

अपना सुखी पूर्वक जीवन बिताने के बाद जब उसकी मरने की उम्र आई तो वो पूरे गाँव को चकमा देकर कुछ एस आकार गया कि उसकी खबर आज हमें छापनी पड़ रही है. ये आदमी राजस्थान का है.

पधारो म्हारे देश वाला ये राज्य इस व्यक्ति की वजह से चर्चा में आ गया है.

आखिर कब्र में पैर लटकाने के बाद इसने ऐसा कम जो कर दिया है कि सब हैरान हैं.

राजस्थान के एक गाँव के एक 83 साल के बूढ़े ने अपनी पोती की उम्र की – छोटी उम्र की लड़की के साथ शादी कर लिया. यह अनोखी शादी का यह मामला कुडगांव क्षेत्र के सैमरदा गांव का है.

प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती, लेकिन चाहत अगर बेटा पैदा करने की हो तो छोटी उम्र की लड़की के साथ शादी होती है. इसे सच साबित किया है जयपुर के एक दूल्हे ने, जिसकी उम्र 83 साल है.

असल में हुआ कुछ ऐसा कि ये व्यक्ति दुखी होने के बाद ये छोटी उम्र की लड़की के साथ शादी किया.

८३ साल के सुखाराम के जीवन से सुख उस समय गायब हो गया जब उनके ३० साल जवान बेटे की मृत्यु हो गई. सुखराम को अब सताने लगा कि उनके धन दौलत का वारिश कौन होगा. सुखराम के 30 वर्षीय पुत्र कि 2 वर्ष पहले मौत हो गई थी इसी के चलते उसे वारिस के लिए छोटी उम्र की लड़की के साथ शादी करने का विचार आया.

सुखराम और उसकी पत्नी का कहना है कि उनकी संपत्ति का कोई वारिस हो इसलिए उसने विवाह रचाया है. सुखराम की शादी में उसकी बेटी, दामाद सहित सहित अन्य परिजन शादी में शामिल हुए.

इस शादी में सबसे हैरानी की बात ये हुई कि सुखराम की पहली पत्नी भी मौजूद थीं. खबरों की मानें तो उन्होंने ही सुखाराम को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया.

ये सिर्फ भारत में ही हो सकता है. अब भी लोग अपने धन का मालिक अपने ही बेटे को बनाना चाहते हैं. बेटे के चाहत ने ८३ साल के बूढ़े को शादी करने के लिए बाध्य कर दिया. इससे हमारे यहाँ की सोच का अंदाज़ा लगाया जा सकता है. सुखाराम ने अपनी शादी की 60वीं वर्षगांठ पर अपनी पहली पत्नी की मौजूदगी में दोबारा शादी करके अपने पत्नी को ये वचन दिया कि वो बेटा ही पैदा करेंगे.

छोटी उम्र की लड़की के साथ शादी – ज़रा सोचिए, जिसका पैर कब्र में हो, क्या वो अब इस उम्र में बच्चा पैदा करने लायक होगा. हर चीज़ की एक उम्र होती है. ऐसे में इस बूढ़े का ये पागलपन सबको हैरान कर रहा है. बेटे की चाहत में ३० साल की लड़की से शादी करना कहाँ का न्याय है.