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कोई नहीं करना चाहता ये सरकारी नौकरी, हर कोई भागता है दूर

जल्‍लाद की नौकरी

जल्‍लाद की नौकरी – शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा जो सरकारी नौकरी का ख्‍वाब ना देखता हो या आई हुई सरकारी नौकरी को ठुकरा दे। सरकारी नौकरी में इतनी सुविधाएं दी जाती हैं कि इंसान का मन ललचा जाता है और फिर इसमें नौकरी जाने का डर भी नहीं होता।

मन किया तो काम किया वरना ऑफिस में बैठकर आराम फरमा लिया। जी हां, सरकारी नौकरी में कुछ ऐसी ही सुविधाएं मिलती हैं तो हर इंसान के मन को ललचा देती हैं लेकिन दोस्‍तों दुनिया में एक ऐसी भी सरकारी नौकरी है जो कोई इंसान करना नहीं चाहता है।

चौंक गए ना…ये बात सौ टका सच है कि इस सरकारी नौकरी से हर कोई दूर भागता है। तो चलिए जानते हैं इस सरकारी नौकरी के बारे में जो कोई करना नहीं चाहता है और हर कोई इससे दूर भागता है।

जल्‍लाद की नौकरी

हम जिस सरकारी नौकरी की बात कर रहे हैं वो है जल्‍लाद की नौकरी। भले ही इस पद पर भी सरकारी नौकरी वाली सुविधाएं मिलती हों लेकिन फिर भी कोई शख्‍स इस नौकरी को करने से कतराता है और इसकी वजह है अपने हाथों से किसी का मौत देना। जी हां, अब कलियुग में पहले ही इतना पाप बढ़ चुका है, ऐसे में रोज़ किसी ना किसी को सूली पर चढ़ाकर एक्‍स्‍ट्रा पाप कौन कमाना चाहेगा। इसी वजह से लोग जल्‍लाद की सरकारी नौकरी से दूर भागते हैं।

क्‍या होती हैं जिम्‍मेदारियां

जल्‍लाद को फांसी के तख्‍ते को ठीक करना, फांसी वाली रस्‍सी की जांच से लेकर फंदा बनाने तक हर काम करना होता है। जल्‍लाद को ट्रेनिंग में फांसी देना भी सिखाया जाता है। अगर किसी मुजरिम का वजन 70 किलो हे तो जल्‍लाद को इसी वजन की रेत की बोरी को लटकाकर अभ्‍यास करना होता है। किसी की जान लेना मानसिक और मनोवैज्ञानिक दबाव जल्‍लाद के साथ-साथ जेल के बाकी लोगों पर भी होता है और वो तनाव प्रशासन, कैदी सभी महसूस करते हैं। जल्‍लाद इस वजह से सबसे ज्‍यादा तनाव में रहता है।

कैसा है अनुभव

जो लोग जल्‍लाद की नौकरी कर चुके हैं या कर रहे हैं वो अपने अनुभव के बारे में बताते हुए कहते हैं कि जल्‍लाद बनना कोई आसान काम नहीं है। इस नौकरी में हर रोज़ मानसिक तनाव से गुज़रना पड़ता है। दिमाग पर इसका बहुत बुरा असर पड़ता है। किसी को मरते हुए देखना दिल और दिमाग दोनों को ही झिंझोड़ कर रख देता है। किसी गुनहगार को फांसी के फंदे पर लटकाने के बाद इनसे खाना नहीं खाया जाता है और ना ही चैन की नींद आती है।

अब तो आप जान गए ना कि जल्‍लाद की नौकरी कितनी मुश्किल और  परेशानियों से भरी होती है। सरकारी नौकरी में बहुत मजे होते हैं लेकिन ये इकलौती ऐसी सरकारी नौकरी है जिसे करने वाला मुलाजिम मानसिक तनाव से ग्रस्‍त हो जाता है। अब भला कौन अपने सिर इतनी परेशानियां मोल लेगा।

ऐसी सरकारी नौकरी करने से तो बेहतर है कि आप किसी प्राइवेट कंपनी में ही शांति से नौकरी कर लें। कम से कम चैन से दो वक्‍त की रोटी और नींद तो नसीब होगी।

इस सरकारी नौकरी के बारे में आपका क्‍या कहना है ?